राजस्थान के पहले नेत्रहीन महाविद्यालय का शिलान्यास करेंगे अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 21 सितंबर 2025 को जोधपुर में राजस्थान के पहले पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय का शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में होने वाले इस आयोजन में आधुनिक सुविधाओं जैसे ब्रेल लाइब्रेरी और डिजिटल क्लासरूम से युक्त महाविद्यालय दृष्टिबाधित छात्रों को शिक्षा और कौशल प्रदान करेगा। नेत्रहीन विकास संस्थान के 48 वर्षों में 4626 बच्चों को मुख्यधारा में लाया गया। शाह इसके बाद सूरत रवाना होंगे।

जोधपुर, 19 सितंबर 2025 – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 21 सितंबर 2025 को जोधपुर, राजस्थान में नेत्रहीन विकास संस्थान द्वारा आयोजित एक विशेष समारोह में शामिल होंगे। इस अवसर पर वे राज्य के पहले दृष्टिबाधित छात्रों के लिए समर्पित पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय भवन का शिलान्यास करेंगे। इस ऐतिहासिक आयोजन की अध्यक्षता राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा करेंगे।
कार्यक्रम का विवरण
तिथि: 21 सितंबर 2025 (रविवार)
स्थान: रामराज नगर, चौखा, जोधपुर, राजस्थान
मुख्य आयोजन: पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय का शिलान्यास
उद्देश्य: दृष्टिबाधित छात्रों को उच्च शिक्षा, कौशल विकास और आत्मनिर्भरता के अवसर प्रदान करना
मुख्य अतिथि: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
अन्य गणमान्य अतिथि:
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संदीप मेहता और विजय विश्नोई
सांसद राजेंद्र गहलोत
मंत्री जोगाराम पटेल, केके विश्नोई, अविनाश गहलोत
विधायक अतुल भंसाली और देवेंद्र जोशी
आयोजन की तैयारी
जोधपुर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल और डीसीपी विनीत बंसल ने 18 सितंबर को आयोजन स्थल का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया। यह सुनिश्चित किया गया कि कार्यक्रम सुचारू और गरिमामय ढंग से संपन्न हो।
नेत्रहीन महाविद्यालय का महत्व
पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय राजस्थान में दृष्टिबाधित छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का पहला समर्पित केंद्र होगा। यह महाविद्यालय आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा, जिसमें शामिल हैं:
ब्रेल-आधारित लाइब्रेरी: दृष्टिबाधित छात्रों के लिए विशेष पठन सामग्री
डिजिटल क्लासरूम: नवीनतम तकनीक से युक्त शिक्षण सुविधाएं
कौशल विकास केंद्र: व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए विशेष इकाइयां
यह संस्थान दृष्टिबाधित युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और समाज की मुख्यधारा में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
नेत्रहीन विकास संस्थान का योगदान
नेत्रहीन विकास संस्थान की स्थापना 15 अगस्त 1977 को जोधपुर में एक छोटे से मंदिर भवन में मात्र दो दृष्टिबाधित बच्चों के साथ हुई थी। 48 वर्षों की यात्रा में यह संस्थान एक विशाल वटवृक्ष बन चुका है। वर्तमान में, यह नौ विभिन्न इकाइयों के माध्यम से 1251 दृष्टिबाधित, मूक-बधिर और मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। अब तक, संस्थान ने 4626 बच्चों को मुख्यधारा में लाने का कार्य किया है। संस्थान की संस्थापक अध्यक्षा सुशील बोहरा ने इसे सामाजिक समावेश का प्रतीक बताया है।
आर्थिक सहयोग और सम्मान
महाविद्यालय के निर्माण में कई भामाशाहों ने योगदान दिया है:
ओसवाल फाउंडेशन: महाविद्यालय भवन के लिए 3.46 करोड़ रुपये
एचजी फाउंडेशन: गर्ल्स हॉस्टल के लिए 5.40 करोड़ रुपये और बॉयज हॉस्टल के लिए 5.48 करोड़ रुपये
कार्यक्रम में इन सहयोगियों, जिसमें मोतीलाल ओसवाल और विजेंद्र सिंह चौधरी शामिल हैं, को सम्मानित किया जाएगा। संस्थान के सचिव राजेश बोहरा ने कहा कि यह महाविद्यालय दृष्टिबाधित युवाओं के लिए शिक्षा का नया द्वार खोलेगा।
अगला पड़ाव
शिलान्यास समारोह के बाद, अमित शाह सूरत, गुजरात के लिए रवाना होंगे, जहां वे अन्य आधिकारिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
निष्कर्ष
यह आयोजन राजस्थान में समावेशी शिक्षा और सामाजिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय न केवल दृष्टिबाधित छात्रों के लिए शिक्षा का केंद्र बनेगा, बल्कि उनकी प्रतिभा को निखारकर उन्हें समाज में सशक्त भूमिका निभाने के लिए तैयार करेगा।