"न्याय नहीं तो ईंट से ईंट: लखा गांव का धरना 9वें दिन उग्र, विधायक भाटी की हुंकार- 'कंपनी का काम ठप करेंगे!'"
जैसलमेर के लखा गांव में 19 सितंबर को हाईटेंशन तार की चपेट में आए वीरम सिंह को न्याय दिलाने के लिए 9वें दिन भी धरना जारी है। शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने दूसरी रात धरना स्थल पर गुजारी और चेतावनी दी कि मांगें नहीं मानी गईं तो कंपनी का काम ठप कर देंगे।

जैसलमेर के लखा गांव में हाईटेंशन तार की चपेट में आए वीरम सिंह को न्याय दिलाने की लड़ाई अब आर-पार की जंग बन चुकी है। 9वें दिन धरना उग्र हो गया है, और शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने दूसरी रात धरना स्थल पर खाट बिछाकर गुजारी। भाटी ने गरजते हुए कहा, "मांगें नहीं मानीं तो कंपनी की साइटों पर ताले जड़ देंगे, जरूरत पड़ी तो प्रशासन और कंपनी की ईंट से ईंट बजा देंगे!" ग्रामीण, साधु-संत और जनप्रतिनिधि इस आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर डटे हैं।
हादसे की चिंगारी: विरम सिंह की जिंदगी अधर में
19 सितंबर को लखा गांव के 35 वर्षीय वीरम सिंह खेत में काम करते समय टूटी हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गए। गंभीर रूप से झुलसे वीरम जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि निजी कंपनी और बिजली विभाग की लापरवाही ने यह हादसा करवाया। गांवों के बीच से गुजर रही हाईटेंशन लाइनें बिना सुरक्षा उपायों के मौत का जाल बिछा रही हैं। ग्रामीणों का कहना है "कंपनी मुनाफे के लिए हमारी जानें जोखिम में डाल रही है,"।
22 सितंबर से शुरू हुआ धरना अब पूरे इलाके में आग की तरह फैल चुका है। कंपनी के गेट पर ताला जड़ा है, और सैकड़ों ग्रामीण और जनप्रतिनिधि धरना स्थल पर जुटे हैं। विधायक रविंद्र सिंह भाटी दो दिन से धरने पर डटे हैं। उन्होंने कहा, "यह वीरम की नहीं, पूरे इलाके की सुरक्षा की लड़ाई है। मंगलवार तक मांगें नहीं मानीं, तो कंपनी का सारा काम ठप कर देंगे।"
मांगें: 1 करोड़ मुआवजा, सख्त कार्रवाई
ग्रामीणों की मांगें अडिग हैं:वीरम सिंह के लिए तत्काल 1 करोड़ रुपये मुआवजा।
दोषी कंपनी अधिकारियों और बिजली विभाग के खिलाफ एफआईआर।
गांवों से हाईटेंशन लाइनों को हटाने और सुरक्षा ग्रिल लगाने की मांग।
वीरम के इलाज का पूरा खर्च और परिवार को नौकरी।
हादसे की स्वतंत्र जांच।
अल्टीमेटम का आखिरी दिन:काम ठप करने की तैयारी
मंगलवार को ग्रामीणों ने कंपनी के सभी कार्य ठप करने का ऐलान किया है। भाटी ने चेतावनी दी, "कंपनी का काम पहले ही रुका है, लेकिन आज मांगें नहीं मानीं, तो जैसलमेर से लेकर बाड़मेर तक हड़ताल होगी।" पुलिस तैनात है, लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा चरम पर है। विधायक भाटी की अगुवाई और ग्रामीणों का जोश इस आंदोलन को ऐतिहासिक बना रहा है।
विधायक भाटी का डटकर साथ: लगातार दूसरी रात धरने पर
आंदोलन में सबसे आगे हैं बाड़मेर जिले के शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी। वे सोमवार से धरना स्थल पर डेरा डाले हुए हैं। लगातार दूसरी रात उन्होंने खाट बिछाकर ही गुजारी। भाटी ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा, "यह लड़ाई न्याय की है। कंपनी और प्रशासन अगर नहीं चेते, तो हम पूरे इलाके में उनके काम ठप कर देंगे। ईंट से ईंट बजाने का मतलब है- हम चुप नहीं बैठेंगे।" भाटी का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, और कई जनप्रतिनिधि उनका समर्थन कर रहे हैं। उधर, जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी ने भी बीच-बचाव की कोशिश की। उन्होंने बताया कि कंपनी प्रतिनिधियों और ग्रामीणों के बीच वार्ता चल रही है। "मंगलवार तक कोई ठोस समाधान निकल सकता है। हम सब मिलकर यह मुद्दा सुलझाएंगे," उन्होंने कहा। लेकिन ग्रामीण आश्वासनों से तृप्त नहीं।