बाड़मेर में होर्डिंग्स से गरमाई सियासत, पुलिस खंगाल रही साजिश की परतें

राजस्थान के बाड़मेर जिले में पूर्व विधायक मेवाराम जैन की कांग्रेस पार्टी में वापसी के बाद शहर में लगे आपत्तिजनक होर्डिंग्स और पोस्टरों ने सियासी माहौल को गर्मा दिया है। इस मामले में पुलिस अब तक रहस्यमयी तत्वों तक नहीं पहुंच पाई है, लेकिन जांच में जुटी तीन विशेष टीमें लगातार सुराग तलाश रही हैं। सूत्रों के अनुसार, पुलिस को बालोतरा से कुछ अहम सुराग मिले हैं, और जांच अब इस दिशा में तेज हो गई है। बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र सिंह मीना स्वयं इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी और शुरू हुआ विवाद
मेवाराम जैन, जो बाड़मेर के पूर्व विधायक रह चुके हैं, को करीब 21 महीने पहले कांग्रेस से निष्कासित किया गया था। हाल ही में, 22 सितंबर 2025 को राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने उन्हें ज्वाइनिंग लेटर सौंपकर पार्टी में उनकी सदस्यता बहाल की। इस फैसले का एक वर्ग ने स्वागत किया, तो कुछ विरोधी खेमों ने इसका कड़ा विरोध दर्ज कराया। विरोधी दिल्ली तक पहुंचे और अपनी नाराजगी जाहिर की। जैन की बाड़मेर वापसी से पहले ही शहर में उनके स्वागत के लिए होर्डिंग्स और बैनर लगाए गए। लेकिन, उसी दौरान कुछ आपत्तिजनक पोस्टर और होर्डिंग्स भी सामने आए, जिनमें बाड़मेर, बालोतरा और जैसलमेर जिला कांग्रेस कमेटी का नाम लिखा था। इन पोस्टरों ने स्थानीय कांग्रेस संगठनों में खलबली मचा दी। तीनों जिलों के कांग्रेस अध्यक्षों ने संयुक्त बयान जारी कर इन होर्डिंग्स से पार्टी का कोई संबंध न होने की बात कही।
पुलिस में दर्ज हुए दो मामले, जांच तेज
शनिवार को मेवाराम जैन की बाड़मेर वापसी के दिन शहर और बालोतरा में स्वागत के साथ-साथ आपत्तिजनक होर्डिंग्स भी देखे गए। इस घटना के बाद मेवाराम जैन के वकील सुल्तान सिंह ने कोतवाली थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की। इसके अलावा, यूनीपोल विज्ञापन कंपनी के स्थानीय मैनेजर गौरव ने भी असामाजिक तत्वों के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया। एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने बताया, "दोनों शिकायतों के आधार पर मामले दर्ज किए गए हैं। हम सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं और संदिग्धों की तलाश में हैं। 6-7 युवकों पर हमारी नजर है, और जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा। इस तरह के कृत्य पूरी तरह गलत हैं।"
तीन टीमें, कई दिशाओं में जांच
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तीन विशेष जांच टीमें गठित की हैं। इनमें बाड़मेर डिप्टी रमेश शर्मा, कोतवाल बलभद्र सिंह और डीएसटी प्रभारी महिपाल सिंह के नेतृत्व में टीमें अलग-अलग दृष्टिकोण से जांच कर रही हैं। पुलिस सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी सबूत और स्थानीय स्तर पर पूछताछ के जरिए हर संभव सुराग जुटाने में जुटी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस मामले के तार बालोतरा से जुड़े हो सकते हैं। पुलिस ने वहां की गतिविधियों और रिकॉर्ड की गहन छानबीन शुरू कर दी है। हालांकि, अभी तक किसी संदिग्ध को हिरासत में नहीं लिया गया है, लेकिन कई लोगों को ट्रेस किया गया है।