कांग्रेस में मेवाराम जैन की घर वापसी: विरोध के स्वर दबे, पार्टी ने दिखाई एकजुटता
मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी के बाद पार्टी के भीतर चली आ रही खींचतान अब शांत हो रही है। संगठन कार्यालय में कुछ कार्यकर्ताओं के विरोध और पोस्टर विवाद के बावजूद, जिला अध्यक्ष गफूर अहमद ने आलाकमान के फैसले को सर्वोपरि बताते हुए कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने की नसीहत दी

बाड़मेर:लंबे समय बाद कांग्रेस में वापसी करने वाले पूर्व विधायक मेवाराम जैन को लेकर पार्टी के भीतर चली आ रही खींचतान अब थमती नजर आ रही है। जैन की वापसी के बाद से ही स्थानीय स्तर पर कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष देखा जा रहा था, लेकिन अब जिला अध्यक्ष गफूर अहमद के कड़े रुख और आलाकमान के फैसले को सर्वोपरि बताने के बाद यह विवाद शांत होने की ओर बढ़ रहा है।
कार्यकर्ताओं का विरोध और जिला अध्यक्ष का सख्त संदेश
बीते दिन जब मेवाराम जैन कांग्रेस के संगठन कार्यालय पहुंचे, तो वहां मौजूद 3-4 कार्यकर्ताओं ने उनकी उपस्थिति पर असंतोष जताते हुए बैठक से बाहर जाने की कोशिश की। इस घटना ने स्थानीय स्तर पर चर्चा को जन्म दिया। हालांकि, जिला अध्यक्ष गफूर अहमद ने आज मीडिया को यह बयान दिया उन्होंने कार्यकर्ताओं को सख्त नसीहत दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि “पार्टी आलाकमान का फैसला सर्वोपरि है और इसे हर कार्यकर्ता को स्वीकार करना होगा।” गफूर ने आगे कहा, “बड़ी पार्टी में इस तरह की छोटी-मोटी घटनाएं सामान्य हैं, लेकिन इससे संगठन की एकता और ताकत पर कोई असर नहीं पड़ता।”
पोस्टर विवाद पर भी जिला अध्यक्ष का कड़ा रुख
हाल ही में कुछ पोस्टरों ने भी विवाद को हवा दी, जिनमें कांग्रेस कमेटी के नाम का कथित तौर पर दुरुपयोग किया गया था। इन पोस्टरों में मेवाराम जैन के खिलाफ असंतोष जताया गया था। इस पर गफूर अहमद ने कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा, “पार्टी के नाम का गलत इस्तेमाल बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चाहे वह कोई साधारण कार्यकर्ता हो या बड़ा नेता, इस तरह की हरकतें अस्वीकार्य हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे कृत्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मेवाराम जैन की वापसी और विरोध का दौर
मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी के बाद से ही कुछ स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी देखी जा रही थी। पहले संगठन कार्यालय में विरोध के स्वर उठे, फिर पोस्टर विवाद ने इस असंतोष को और बढ़ाया। लेकिन जिला अध्यक्ष के ताजा बयान ने साफ कर दिया कि पार्टी नेतृत्व का फैसला अंतिम है और मेवाराम जैन अब कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता के तौर पर काम करेंगे। गफूर अहमद ने कहा, “मेवाराम जैन अब पार्टी का हिस्सा हैं और उनके खिलाफ किसी भी तरह का विरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा।”
एकजुटता की ओर बढ़ रही कांग्रेस
जिला अध्यक्ष के इस सख्त रुख और स्पष्ट संदेश के बाद यह माना जा रहा है कि मेवाराम जैन को अब स्थानीय संगठन का भी पूरा समर्थन मिलेगा। विरोधी स्वर धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहे हैं और पार्टी एकजुटता की दिशा में आगे बढ़ रही है। गफूर अहमद के बयान से यह भी संदेश गया है कि आलाकमान के फैसलों का सम्मान करना सभी के लिए अनिवार्य है।
कुल मिलाकर, मेवाराम जैन की वापसी के बाद उठा विवाद अब शांत होता दिख रहा है। कांग्रेस नेतृत्व की ओर से सख्ती और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की कोशिशों से यह साफ है कि पार्टी अब किसी भी तरह के आंतरिक मतभेद को और हवा नहीं देना चाहती। मेवाराम जैन के साथ अब संगठन का समर्थन बढ़ता दिख रहा है।