अब नहीं चढ़ना होगा धोरों पर, जैसलमेर के 56 गाँवों में शुरू हुआ इंटरनेट

जैसलमेर के 56 गाँवों में पहली बार बीएसएनएल 4G इंटरनेट सेवा शुरू हुई। अब लोगों और सीमा सुरक्षा बल को मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी और संचार सुविधा।

Sep 30, 2025 - 12:48
अब नहीं चढ़ना होगा धोरों पर, जैसलमेर के 56 गाँवों में शुरू हुआ इंटरनेट
इमेज सोशल मीडिया से लिया गया है।

जैसलमेर। भारत आज दुनिया में विकास की नई मिशालें गढ़ रहा है, लेकिन पश्चिमी राजस्थान के कई गांव अब तक डिजिटल क्रांति से अछूते थे। ऐसे में जैसलमेर के 56 गांवों के लिए 27 सितम्बर 2025 ऐतिहासिक दिन साबित हुआ, जब वहां पहली बार इंटरनेट सेवा शुरू हुई।

अब तक इन सीमावर्ती गांवों में फोन पर बातचीत तक करना मुश्किल था। नेटवर्क की भारी समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए यह खबर किसी सौगात से कम नहीं है। जहां देश के अधिकांश हिस्से 5G की रफ्तार से जुड़ रहे हैं, वहीं इन गांवों में पहली बार 4G नेटवर्क पहुंचा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) का 4G सेवा अभियान लॉन्च किया है। इसके तहत देशभर में करीब 98 हजार लोकेशनों पर बीएसएनएल 4G का रोलआउट किया जा रहा है। इसी योजना के अंतर्गत जैसलमेर जिले के 56 गांवों और 91 बॉर्डर ऑपरेशन पोस्ट पर 49 टावर लगाए जा रहे हैं। ये टावर पूरी तरह ऑप्टिकल फाइबर से जुड़े होंगे और हाई-स्पीड कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे। अधिकांश टावरों का काम पूरा हो चुका है, जबकि कुछ टावर जल्द ही चालू होंगे।

स्थानीय निवासियों के अनुसार, "हमारे गांव कोठा में अब तक न तो इंटरनेट था और न ही फोन नेटवर्क। बातचीत के लिए हमें धोरों पर चढ़ना पड़ता था या दूसरे गांव जाना पड़ता था। अब पहली बार 4G से सीधे बात कर पा रहे हैं।"

इस सेवा से न सिर्फ सीमावर्ती गांवों के लोग जुड़ेंगे, बल्कि बॉर्डर सुरक्षा बल (BSF) को भी बेहतर संचार सुविधा मिलेगी। जिन गांवों में यह सुविधा पहुंची है, उनमें कोठा, जीवराज सिंह की ढाणी, हरनाऊ, करम वाला, झंडा खारा और गणेशाउ सहित कुल 56 गांव शामिल हैं।

यह पहल इन गांवों को डिजिटल इंडिया से जोड़ने के साथ-साथ सीमा सुरक्षा को भी मजबूत करेगी।

Prahlad Ratnoo As a passionate reader, I believe every story deserves to be heard. I strive to bring heartfelt stories to life.