जैसलमेर की गलियों में गूंजा पर्यावरण का संदेश, ‘औरण बचाओ’ जनाक्रोश रैली में उमड़ा जनसैलाब
जैसलमेर में औरण-गोचर बचाने जनआक्रोश रैली जारी, साधु-संतों के नेतृत्व में हजारों लोग कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च कर रहे हैं, नारे और पर्यावरण संदेश गूंज रहे।

साधु-संतों की अगुवाई में कलेक्ट्रेट की ओर बढ़ रहा जनसैलाब, जगह-जगह गूंज रहे नारे
जैसलमेर। जिले में औरण और गोचर को बचाने की मांग को लेकर जनआक्रोश रैली इस समय पूरे जोर पर है। साधु-संतों के नेतृत्व में हजारों ग्रामीण और शहरवासी मुख्यमंत्री बाजार से गड़ीसर होते हुए कलेक्ट्रेट की ओर बढ़ रहे हैं।
जगह-जगह बैरिकेडिंग, पुलिस अलर्ट पर
काफिले में “औरण बचाओ, गोचर बचाओ” के नारे लगातार गूंज रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण के गीतों के बीच रैली पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ रही है। प्रशासन ने सुरक्षा के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग कर रखी है। पुलिस बल भी अलर्ट मोड पर तैनात है।
राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराने की मांग तेज
रैली का मुख्य मुद्दा औरण-गोचर की जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराने की मांग है। संतों और नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार ठोस कदम नहीं उठाती, आंदोलन जारी रहेगा।
इस आंदोलन की शुरुआत रविन्द्र भाटी ने बैया गांव से की थी। वहीं ख्याला मठ के मठाधीश गोरखनाथ भी पहले ही वीडियो संदेश जारी कर लोगों से जुड़ने की अपील कर चुके हैं।
फिलहाल पूरा जैसलमेर इस रैली की गूंज से सराबोर है और आंदोलन ने जनआंदोलन का रूप ले लिया है।