बाड़मेर में 'बनियान गैंग' का आतंक: चड्डी गैंग के बाद नया खतरा, कलेक्ट्रेट के 200 मीटर दूर सूने घर पर डाका,

बाड़मेर शहर में 'चड्डी गैंग' के बाद अब 'बनियान गैंग' सक्रिय हो गई है। इस गैंग ने मधुबन कॉलोनी में कलेक्ट्रेट से 200 मीटर दूर एक सूने मकान में चोरी की। चोरों ने ताले तोड़े, 10 तोला सोना, 45 हजार रुपये नकदी और एक बाइक चुरा ली।

Oct 6, 2025 - 17:12
बाड़मेर में 'बनियान गैंग' का आतंक: चड्डी गैंग के बाद नया खतरा, कलेक्ट्रेट के 200 मीटर दूर सूने घर पर डाका,

राजस्थान के बाड़मेर शहर में चोरी की घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। हाल ही में चर्चा में आई 'चड्डी गैंग' की वारदातों के बाद अब एक नया गिरोह 'बनियान गैंग' सक्रिय हो गया है। कल रात शहर के मधुबन कॉलोनी में इस गैंग ने एक सूने मकान पर धावा बोल दिया। घटना स्थल कलेक्ट्रेट से महज 200 मीटर दूर होने के बावजूद चोरों ने बेधड़क ताले तोड़े, अलमारी से सोने-चांदी के आभूषण और नकदी लूट ली, साथ ही घर के अंदर खड़ी बाइक भी उड़ा ले गए। चोरी के दौरान चोरों ने बिजली कनेक्शन काट दिया था, जिससे कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं मिल सका।

पुलिस के अनुसार, पीड़ित भवानी सिंह (पुत्र कमल सिंह, निवासी दूधवा शिव, हाल मधुबन कॉलोनी) 1 अक्टूबर को अपने घर के ताले देकर गांव दूधवा चले गए थे। सोमवार सुबह करीब 11 बजे जब वे बाड़मेर लौटे, तो गेट का ताला टूटा हुआ मिला। घर में घुसते ही सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा था। आनन-फानन में कोतवाली थाने को सूचना दी गई। भवानी सिंह ने बताया, "अलमारी में रखे करीब 10 तोला सोना, 45 हजार रुपये नकदी और एक बाइक चोर ले गए। चोरी कब हुई, इसका कोई अंदाजा नहीं। लाइट कनेक्शन काटने से कोई आवाज या हलचल भी नजर नहीं आई।"

कोतवाली थाने के प्रभारी कोतवाल बलभद्र सिंह ने बताया, "मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया गया। एमओबी (मोबाइल ऑपरेशन ब्यूरो), एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) और डॉग स्क्वायड की टीमें तैनात की गई हैं। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। चोर सूने मकानों को निशाना बना रहे हैं, इसलिए लोगों से अपील है कि घर से बाहर जाते समय ताला अंदर की तरफ लगाएं।" पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है।यह घटना बाड़मेर शहर में बीते चार दिनों में दूसरी चोरी है, जो शहरवासियों में दहशत फैला रही है। गौरतलब है कि 'चड्डी गैंग' की तर्ज पर यह 'बनियान गैंग' भी सूने घरों को टारगेट कर रही है। 1990 के दशक में मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में सक्रिय 'चड्डी-बनियान गैंग' के सदस्य चड्डी-बनियान पहनकर चोरी करते थे, ताकि पहचान छिपी रहे। हाल के वर्षों में यह गिरोह महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में फिर से उभरा है, जहां चोर हथियारों से लैस होकर दुकानों और घरों पर हमला बोलते हैं। बाड़मेर में भी इसी तरह की रणनीति अपनाई जा रही लगती है, जिससे पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

शहर में लगातार बढ़ रही चोरी की घटनाओं ने रात्रि गश्त की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कलेक्ट्रेट जैसे संवेदनशील इलाके में भी सुरक्षा की कमी है। एक स्थानीय व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "पुलिस की गश्त नाममात्र की है। चोरों को पता चल गया है कि सूने घरों पर कोई नजर नहीं रखता। हमें खुद सतर्क रहना पड़ेगा।" पुलिस ने आश्वासन दिया है कि विशेष अभियान चलाकर चोरों को पकड़ा जाएगा और सीसीटीवी नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा।