मकराना में बंद मार्बल खदानों का ढहना: भरभराकर गिरीं, अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए
मकराना में बंद मार्बल खदानें ढह गईं, मलबा बिखरा, कोई हताहत नहीं। जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए। खदानों की कमजोर संरचना और बारिश संभावित कारण। सुरक्षा उपायों पर जोर, स्थानीय लोग चिंतित।

मकराना में बंद मार्बल खदानों का ढहना: सुरक्षा चिंताओं ने बढ़ाई टेंशन
राजस्थान के नागौर जिले में स्थित मकराना, जो सफेद मार्बल के लिए प्रसिद्ध है, वहां एक बड़ी घटना ने सबको चौंका दिया। यहां बंद पड़ी कई मार्बल खदानें अचानक ढह गईं, जिससे खदानें भरभराकर टुकड़ों में बिखर गईं। यह हादसा सोमवार सुबह हुआ, जब आसपास के लोग सामान्य कामकाज में लगे थे। सौभाग्य से, इस घटना में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन मलबे के बड़े-बड़े टुकड़े खदानों के आसपास फैल गए, जिससे स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल है।
मकराना क्षेत्र में सैकड़ों मार्बल खदानें हैं, जिनमें से कई वर्षों से बंद पड़ी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, खदानों के ढहने का कारण पुरानी संरचना, भारी बारिश या भूगर्भीय बदलाव हो सकता है। पिछले कुछ महीनों से क्षेत्र में हो रही बारिश ने मिट्टी को कमजोर कर दिया था, जिसका असर इन बंद खदानों पर पड़ा। स्थानीय खनन व्यवसायी और निवासी लंबे समय से इन खदानों की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे, लेकिन अब यह घटना ने समस्या की गंभीरता को उजागर कर दिया है।
जिला कलेक्टर ने घटना की जानकारी मिलते ही तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने खनन विभाग, पुलिस और अन्य अधिकारियों को खदानों की जांच करने और रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं। जांच में खदानों की संरचनात्मक कमजोरियों, रखरखाव की कमी और संभावित जोखिमों का मूल्यांकन किया जाएगा। साथ ही, आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। अगर जरूरी हुआ, तो प्रभावित क्षेत्र को अस्थायी रूप से खाली कराने का प्लान भी बनाया जा रहा है।
यह घटना पूरे खनन उद्योग के लिए एक सबक है। मकराना जैसे क्षेत्रों में जहां खनन अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है, वहां बंद खदानों की नियमित निगरानी जरूरी है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को अब सख्त नियम लागू करने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी दुर्घटनाएं दोबारा न हों। निवासी अब जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें आगे की सुरक्षा उपायों का खुलासा होगा।