अपनी ही सरकार के खिलाफ उतरे भाजपा कार्यकर्ता: बिजली संकट से तंग किसानों का 8 अक्टूबर को गडरारोड पर धरना
राजस्थान के बारमेर जिले की शिव विधानसभा के गडरारोड में 8 अक्टूबर 2025 को भाजपा कार्यकर्ता अपनी ही सरकार के खिलाफ सांकेतिक धरना आयोजित करेंगे। पंचायत समिति सदस्य पूरसिंह राठौड़ के नेतृत्व में यह धरना बिजली संकट के विरोध में होगा।

राजस्थान की राजनीति में एक अनोखा मोड़ आ गया है। शिव विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ही पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपनी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने जा रहे हैं। वजह? पिछले 7-8 महीनों से चली आ रही गंभीर बिजली संकट, जिसने किसानों की कमर तोड़ दी है। पंचायत समिति सदस्य एडवोकेट पूरसिंह राठौड़ के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ता 8 अक्टूबर को 132 केवी गडरारोड ग्रिड सब स्टेशन (जीएसएस) पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना देने का ऐलान कर चुके हैं। यह धरना न केवल बिजली विभाग की लापरवाही के खिलाफ है, बल्कि आगामी रबी सीजन में जीरे की फसल को बचाने की जंग भी है।
बिजली संकट की जड़ें: ओवरलोड ट्रांसफार्मर और बंद पावर यूनिट
क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों को पिछले कई महीनों से बिजली की किल्लत झेलनी पड़ रही है। 132 केवी गडरारोड बिजलीघर पर एक पावर ट्रांसफार्मर 7-8 महीनों से बंद पड़ा है, जबकि दूसरा ट्रांसफार्मर सालों से ओवरलोड हो रहा है। इस वजह से उचित वोल्टेज और स्थिर बिजली सप्लाई का नामोनिशान नहीं। बार-बार अधिकारियों को अवगत कराने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि रबी सीजन शुरू होने मात्र 15-20 दिन शेष रहते किसान चिंता में डूबे हैं।
एडवोकेट पूरसिंह राठौड़ ने बताया, "ट्रांसफार्मर सेक्शन तो तैयार है, लेकिन नया ट्रांसफार्मर लगाने में देरी हो रही है। अगर समय पर यह सुविधा नहीं मिली, तो जीरे की फसल के सीजन में तीन फेज बिजली सप्लाई महज 2-3 घंटे ही सीमित रह जाएगी। इससे किसानों को भारी नुकसान होगा। हमने विद्युत विभाग, प्रसारण निगम और प्रशासन को बार-बार पत्र लिखे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं। अब सरकार को जगाने के लिए यह धरना जरूरी हो गया है।"
धरने का ऐलान: शांतिपूर्ण प्रदर्शन, लेकिन चेतावनी सख्त
धरना 8 अक्टूबर 2025 को सुबह 10 बजे 132 केवी गडरारोड जीएसएस पर आयोजित होगा। पूरसिंह राठौड़ सहित कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर ट्रांसफार्मर समय पर नहीं लगाया गया, तो 4-5 दिनों बाद जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू हो जाएगा। "इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रसारण निगम और प्रशासन की होगी," उन्होंने कहा।सभी जनप्रतिनिधियों, किसानों और ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे धरने में बड़ी संख्या में शामिल हों। विशेष रूप से गडरारोड पंचायत समिति के गिराब, गडरारोड, हरसानी, आसाडी, चाडीयाली, ऊनरोड, केकेबी, खानियानी और देतानी जीएसएस क्षेत्र के किसान भाइयों को अपने दैनिक कार्य छोड़कर पहुंचने का आह्वान किया गया है। "किसी के बुलावे का इंतजार न करें, इसे अपना कर्तव्य समझें," राठौड़ ने कहा। साथ ही, धरना शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से आयोजित करने पर जोर दिया गया है, ताकि कोई व्यवस्था प्रभावित न हो।