SMS अस्पताल अग्निकांड: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जताया शोक, उच्चस्तरीय जांच समिति गठित
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में रविवार देर रात न्यूरोसर्जरी आईसीयू-1 में इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट से लगी आग के कारण हुए हादसे पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने घटनास्थल का दौरा कर घायलों से मुलाकात की और त्वरित राहत के निर्देश दिए।

राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल में रविवार देर रात एक दुखद घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। अस्पताल के ट्रोमा एवं अस्थि रोग संस्थान के न्यूरोसर्जरी आईसीयू-1 में इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट के कारण लगी भीषण आग से हुए हादसे ने कई जिंदगियों को प्रभावित किया। इस दुर्घटना पर राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने गहरा शोक व्यक्त किया है और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री का त्वरित एक्शन, घटनास्थल का दौरा
हादसे की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तुरंत सक्रियता दिखाई और देर रात घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की, उनका हालचाल जाना और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। इस दौरान उन्होंने चिकित्सकों और अधिकारियों के साथ स्थिति का जायजा लिया और प्रभावितों को त्वरित राहत प्रदान करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने इस हादसे को "अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण" करार देते हुए कहा, "यह दुखद घटना हम सभी के लिए पीड़ादायक है। हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे दिवंगत आत्माओं को शांति और परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।" उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस कठिन समय में प्रभावित परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।
उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन
इस गंभीर घटना के कारणों की तह तक जाने और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है। इस समिति की अध्यक्षता चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त श्री इकबाल खान करेंगे। छह सदस्यों वाली यह समिति आग लगने के कारणों, राहत और बचाव कार्यों की स्थिति, और भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए उपायों पर विस्तृत जांच करेगी। समिति को जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मरीजों की सुरक्षा और उपचार राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, "इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और मरीजों को सुरक्षित वातावरण में बेहतर उपचार मिले।"
हादसे का प्रभाव और सरकार की प्रतिबद्धता
सवाई मानसिंह अस्पताल राजस्थान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, जहां रोजाना हजारों मरीज उपचार के लिए आते हैं। न्यूरोसर्जरी आईसीयू जैसे संवेदनशील वार्ड में हुई इस घटना ने अस्पतालों में सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाए हैं। इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट से लगी आग ने न केवल मरीजों और उनके परिजनों को प्रभावित किया, बल्कि अस्पताल प्रशासन और चिकित्सा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को त्वरित राहत और समुचित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। साथ ही, उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि अस्पताल में अन्य मरीजों के उपचार में किसी तरह की बाधा न आए।