कॉर्पोरेट स्टाइल में MD ड्रग्स का काला साम्राज्य: बाड़मेर के मास्टरमाइंड कमलेश उर्फ कार्तिक गिरफ्तार, 100 करोड़ की फैक्ट्री की साजिश धरी रह गई

बाड़मेर जिले में 100 करोड़ रुपये की MD ड्रग्स फैक्ट्री लगाने वाले मास्टरमाइंड कमलेश उर्फ कार्तिक को राजस्थान ATS और ANTF ने जैसलमेर के सांगड़ इलाके से गिरफ्तार किया।

Oct 6, 2025 - 15:55
कॉर्पोरेट स्टाइल में MD ड्रग्स का काला साम्राज्य: बाड़मेर के मास्टरमाइंड कमलेश उर्फ कार्तिक गिरफ्तार, 100 करोड़ की फैक्ट्री की साजिश धरी रह गई
ATS की गिरफ्त में कमलेश उर्फ कार्तिक

राजस्थान एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) की संयुक्त कार्रवाई ने एक बड़े ड्रग्स सिंडिकेट को करारा झटका दिया है। बाड़मेर जिले में 100 करोड़ रुपये की क्षमता वाली MD (मेफेड्रॉन) ड्रग्स फैक्ट्री लगाने के मास्टरमाइंड कमलेश उर्फ कार्तिक को रविवार सुबह जैसलमेर के सांगड़ इलाके से धर दबोचा गया। यह गिरफ्तारी ऑपरेशन 'मदमरूगन' के तहत की गई, जिसमें विरोधी गैंग की मुखबिरी ने अहम भूमिका निभाई। आरोपी के पास से 1 लाख रुपये से अधिक नकद बरामद हुए हैं। ATS के IG विकास कुमार ने बताया कि कमलेश के खिलाफ तीन अलग-अलग राज्यों में करीब 6 आपराधिक मामले दर्ज हैं, और उसके दो साथी पहले ही हिरासत में हैं।

कॉर्पोरेट मॉडल पर चला ड्रग्स कारोबार:

हर सदस्य की अलग जिम्मेदारीकमलेश ने ड्रग्स तस्करी को एक प्रोफेशनल कॉर्पोरेट सेटअप की तरह संचालित किया था, जहां हर सदस्य को स्पष्ट भूमिका सौंपी गई थी। वह खुद सेल्स एंड मार्केटिंग हेड था, जो पूरे नेटवर्क को बाजार से जोड़ता था।

अपराध की जड़ें: हथियारों से ड्रग्स तक का सफर

कमलेश का अपराधी जीवन मध्य प्रदेश के खरगोन इलाके से शुरू हुआ, जहां वह अवैध हथियारों की सप्लाई करता था। इस दौरान उसे मध्य प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। बाद में महाराष्ट्र के पुणे में MD ड्रग्स के साथ पकड़े जाने पर पुणे जेल में उसकी मुलाकात बिरजू शुक्ला से हुई। जेल में ही कमलेश को MD की लत लग गई, और उसने इस कारोबार में छिपे 'फायदे' को पहचान लिया। रिहा होने के बाद उसने हथियारों का धंधा छोड़ MD तस्करी पर फोकस किया।राजस्थान में आकर उसने रमेश और मांगीलाल को अपने साथ जोड़ा। महाराष्ट्र में एक बैठक बुलाकर पूरे गैंग को एकजुट किया गया, जहां बड़ी प्लानिंग बनी। ATS के अनुसार, कमलेश का नेटवर्क महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश तक फैला था। उसके खिलाफ इन राज्यों में हथियार तस्करी और ड्रग्स से जुड़े कई केस चल रहे हैं। 

दो असफल प्रयास: फैक्टरियां शुरू होने से पहले धराईं

गैंग ने सबसे पहले जोधपुर के कुड़ी इलाके में MD फैक्ट्री लगाने की कोशिश की, लेकिन चालू होने से पहले ही ATS ने छापा मार दिया। दूसरे प्रयास में बाड़मेर के सेड़वा इलाके में मांगीलाल के ठिकाने पर फैक्ट्री सेटअप की गई, जो फिर शुरू होने से पहले पकड़ी गई। इन फैक्टरियों के लिए मशीनें महाराष्ट्र और गुजरात से मंगाई जा रही थीं, जबकि जरूरी केमिकल महाराष्ट्र के महाड़ इलाके से आते। प्लानिंग इतनी महत्वाकांक्षी थी कि बाड़मेर फैक्ट्री से हर 3-4 दिन में 10 किलो MD तैयार कर राजस्थान और आसपास के इलाकों में सप्लाई की जानी थी। मासिक टारगेट था 20 करोड़ रुपये का MD उत्पादन और वितरण। 

विरोधी गैंग की मुखबिरी से खुली पोल, दो साथी पहले गिरफ्तार

बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र में MD कारोबार करने वाली एक दूसरी गैंग कमलेश से दुश्मनी रखती थी। जब विरोधी गैंग को फैक्ट्री प्लान की भनक लगी, तो उन्होंने सेल्स हेड की मांग की, लेकिन कमलेश के शामिल होने की बात सुनकर पीछे हट गए। इसी दुश्मनी ने ATS की मदद की—विरोधी गैंग के एक सदस्य ने कमलेश के ठिकानों की जानकारी दी। रविवार सुबह जब कमलेश बकाया हिसाब-किताब के लिए सांगड़ के कुड़ा गांव पहुंचा, तो ATS-ANTF की टीम ने उसे घेर लिया।इससे पहले मांगीलाल और बिरजू शुक्ला गिरफ्तार हो चुके हैं। फरार राजू पर 40 हजार और रमेश पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित है। IG विकास कुमार ने कहा, "यह गिरफ्तारी पूरे नेटवर्क को कमजोर करेगी। जांच जारी है, और बाकी सदस्यों को जल्द पकड़ा जाएगा।"