हाइकोर्ट ने जोधपुर नगर निगम को लगाई फटकार
राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर नगर निगम की सफाई व्यवस्था पर नाराजगी जताई। अदालत ने मौजूदा प्रयासों को अपर्याप्त बताया और सरकार से ठोस कार्ययोजना मांगी।

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि शहर को स्वच्छ रखने के लिए उठाए जा रहे कदम पर्याप्त नहीं हैं। अदालत ने निर्देश दिए कि नगर निगम को एक ठोस और प्रभावी योजना बनानी चाहिए, जिससे जोधपुर की गंदगी और कचरा प्रबंधन की समस्या का स्थायी समाधान निकले।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, यह मामला वर्ष 2021 में दाखिल याचिका से जुड़ा है, जिसे महेश गहलोत ने दाखिल किया था। उन्होंने शहर में कचरा प्रबंधन और सफाई व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे। इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति विनीत कुमार माथुर और न्यायमूर्ति बिपिन गुप्ता की खंडपीठ ने मंगलवार को फिर से नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सख्त टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि पहले भी कई बार चेतावनी दी गई, लेकिन स्थिति में खास सुधार नहीं हुआ है। खंडपीठ ने पहले भी शहर की स्वच्छता व्यवस्था को ‘भयावह’ और ‘दयनीय’ बताया था।
अनुपालन रिपोर्ट
अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि निगम ने अदालत के पूर्व निर्देशों के अनुपालन में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में कचरा उठाने की नई तकनीक, कर्मचारियों की तैनाती और सफाई व्यवस्था का एक पूरा खाका प्रस्तुत किया गया है। हालांकि, कोर्ट ने इस रिपोर्ट पर असंतोष जताते हुए कहा कि यह प्रयास पर्याप्त नहीं हैं और अब तक का काम केवल औपचारिकता जैसा प्रतीत होता है।
कोर्ट से सरकार ने मांगा समय
सरकार की ओर से कहा गया कि वे इस मुद्दे पर पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करेंगे और बेहतर स्वच्छता उपायों पर एक विस्तृत शपथ पत्र पेश करेंगे। साथ ही, सरकार ने बताया कि शहर के डंपिंग यार्ड को चिन्हित कर उनका बेहतर प्रबंधन किया जाएगा ताकि सफाई व्यवस्था में वास्तविक सुधार हो सके।