जैसलमेर गौचर संकट: धरना जारी, छोटू सिंह का नेताओं पर तीखा तंज -घर सुधार लो पहले!'
जैसलमेर में ओरण और गौचर भूमि को बचाने के लिए चल रहा धरना तेज हो गया है। पिछले शुक्रवार को 'ओरण संरक्षण आक्रोश रैली' में ग्रामीणों, संतों और जनप्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जहां प्रशासन को मांगों का ज्ञापन सौंपा गया।

राजस्थान के जैसलमेर जिले में ओरण और गौचर भूमि को बचाने की लड़ाई तेज हो गई है। पिछले कई दिनों से चल रहे धरने में प्रशासन के आश्वासनों को 'लॉलीपॉप' बताते हुए ग्रामीणों ने बड़ा आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है। इसी बीच, जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में न केवल धरनाकारियों को मजबूत समर्थन का भरोसा दिलाया, बल्कि बाड़मेर के नेताओं और अन्य जिलों के 'मौसमी' नेताओं पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि 'पहले अपना घर तो सुधार लो, हम अपना घर सुधार लेंगे।' इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
धरना और रैली: आक्रोश की लहर, प्रशासन पर दबाव
जैसलमेर के ग्रामीणों का संघर्ष अब चरम पर पहुंच चुका है। ओरण और गौचर भूमि पर अतिक्रमण और अवैध कब्जों के खिलाफ पिछले शुक्रवार को शहर में 'ओरण संरक्षण आक्रोश रैली और सभा' का भव्य आयोजन किया गया। रैली में सैकड़ों ग्रामीण, जनप्रतिनिधि और संत-महात्मा शामिल हुए। संतों के संबोधन ने माहौल को और भावुक कर दिया, जबकि विधायकों ने प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश की।सभा के दौरान धरनाकारियों ने अपनी मांगों का एक विस्तृत ज्ञापन प्रशासन को सौंपा, जिसमें ओरण भूमि की तत्काल सीमांकन, अतिक्रमण हटाने और गौचर की रक्षा के लिए सख्त कानूनी कदम उठाने की मांग की गई। जैसलमेर और पोकरण के विधायकों ने भी मंच से प्रशासन को चेतावनी दी। इसके बाद प्रशासन ने आश्वासन दिया कि मामला गंभीरता से लिया जाएगा और जल्द समाधान निकाला जाएगा।हालांकि, यह आश्वासन धरनाकारियों को 'गुमराह करने वाला' लगा। ओरण बचाओ समिति के प्रतिनिधियों ने साफ शब्दों में कहा, "प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने हमें लॉलीपॉप थमा दिया है। हम इससे नहीं मानेंगे। अब हमारा और बड़ा आंदोलन होगा, जिसमें पूरे जिले के किसान-चरवाहे सड़कों पर उतरेंगे।" ग्रामीणों का कहना है कि बिना ठोस कार्रवाई के यह संघर्ष थमेगा नहीं, क्योंकि ओरण उनकी आजीविका का आधार हैं।
छोटू सिंह का धमाकेदार बयान: 'हम मुख्यमंत्री से मिलेंगे, अच्छा फैसला लेंगे'
कल हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी ने धरना स्थल पर उमड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, "धरना क्यों चल रहा है, यह आप सभी को पता है। कई नेता आते हैं, माइक पर भाषणबाजी कर चले जाते हैं। लेकिन मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम दोनों विधायक (पोकरण और जैसलमेर) पूरे मन से आपके साथ हैं।" उन्होंने वादा किया कि धरनाकारियों की कमेटी को साथ लेकर, संगठन, बुद्धिजीवी, बुजुर्गों और जानकार लोगों को शामिल किया जाएगा। "हम मुख्यमंत्री जी से बैठक लेंगे और जो अच्छा फैसला होगा, वही लेंगे। आपकी हर मांग पूरी होगी।"भाटी ने स्पष्ट किया कि यह संघर्ष केवल जैसलमेर का नहीं, बल्कि पूरे मारवाड़ क्षेत्र का मुद्दा है। उन्होंने कहा, "हमने पहले ही दो फाइलें भेजी हैं और और भी भेजेंगे। हमने जमीनी स्तर पर गौचर भूमि को लेकर काम किया है, जबकि कुछ लोग केवल वादे करते हैं।"
बाड़मेर नेताओं पर तंज: 'वो पहले अपना घर सुधार लें'
प्रेस कॉन्फ्रेंस का सबसे रोचक हिस्सा तब आया जब छोटू सिंह ने बाड़मेर के नेताओं पर निशाना साधा। बाड़मेर में भी गौचर भूमि की समस्या बरकरार है, लेकिन वहां के नेताओं पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए भाटी ने कहा, "वो नेता करते तो वही कर लेते। गौचर भूमि तो वहां भी है। यहां आकर एक दिन में वापस चले गए घर।" बिना नाम लिए उन्होंने तंज कसा, "मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन वो पहले अपना घर तो सुधार लेते। हम अपना घर तो सुधार लेंगे।"भाटी ने अन्य जिलों के विधायकों पर भी चुटकी ली, "अन्य विधायक पहली बार समस्या के लिए आए हैं। बाकी तो केवल दो घंटे के लिए स्पीच देने आते हैं। आखिर घर के आदमी ही घर के काम करेंगे। आपको बोलना चाहिए कि आप क्यों आए? हमारे नेता पहले से यहां हैं। कमी उनकी है जो उन्होंने एक फिट भी जमीनी गौचर नहीं करवाई। हम तो कह सकते हैं कि हमने करवाई है।"