राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए तैयारियां तेज़ – जिला न्यायाधीश आचार्य ने दिए निर्देश

आगामी 13 सितम्बर 2025 को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर बाड़मेर में न्यायिक स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार इस लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा।

Sep 5, 2025 - 22:44
राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए तैयारियां तेज़ – जिला न्यायाधीश आचार्य ने दिए निर्देश
राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए तैयारियां तेज़ – जिला न्यायाधीश आचार्य ने दिए निर्देश

बाड़मेर : आगामी 13 सितम्बर 2025 को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर बाड़मेर में न्यायिक स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार इस लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। जिला एवं सेशन न्यायाधीश अजिताभ आचार्य ने कहा कि लोक अदालत के लिए सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की जाएं ताकि अधिकाधिक प्रकरणों का निस्तारण किया जा सके।

अधिक से अधिक प्रकरणों का निस्तारण लक्ष्य

जिला न्यायाधीश ने कहा कि अदालतों की ओर से राजीनामा योग्य प्रकरणों की पहचान कर नोटिस जारी किए जाएं। इसके साथ ही लंबित मामलों की संख्या घटाने पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि लोक अदालत आम जनता को त्वरित और सस्ता न्याय दिलाने का सबसे सशक्त माध्यम है, इसलिए प्रत्येक अधिकारी की जिम्मेदारी है कि इस अवसर का अधिकतम लाभ दिलाया जाए।

डोर स्टेप और प्री-काउंसलिंग पर जोर

आचार्य ने बैठक के दौरान डोर स्टेप काउंसलिंग और प्री-काउंसलिंग की प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे पक्षकारों को लोक अदालत के महत्व को समझाने में आसानी होगी और निपटारे के लिए उनकी सहमति भी आसानी से मिल सकेगी।

एनआई एक्ट और मोटर दुर्घटना दावे प्रमुख

बैठक में यह तय किया गया कि लोक अदालत में मुख्य रूप से धारा 138 एनआई एक्ट से जुड़े मामलों और मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (MACT) के प्रकरणों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। न्यायाधीश आचार्य ने कहा कि दो लाख रुपये तक की राशि वाले चेक बाउंस मामलों को प्राथमिकता से चिन्ह्ति कर निस्तारित किया जाए।

अधिवक्ताओं को मिली विशेष जिम्मेदारी

जिला न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने स्तर पर पक्षकारों को समझाएं और लोक अदालत के महत्व को बताएं। बैंकों में लंबित ऋण वसूली प्रकरणों, एनआई एक्ट और मोटर दुर्घटना से जुड़े मामलों को चिन्ह्ति कर अधिक से अधिक निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

बैठक में न्यायिक व अधिवक्ता वर्ग की मौजूदगी

बैठक में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह मालावत, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 01 डॉ. सिम्पल शर्मा, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 02 पीयूष चौधरी, विशिष्ट न्यायाधीश एससी-एसटी डॉ. सरोज सींवर, न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति भट्ट, अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट वैदानी सिंह राजपुरोहित सहित अन्य न्यायिक अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
साथ ही बार एसोसिएशन अध्यक्ष महेन्द्र कुमार रामावत और अधिवक्ता भी मौजूद रहे।

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