बिहार चुनाव 2025: गहलोत और हरीश चौधरी की अगुवाई में कांग्रेस का 'मिशन बिहार',

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए कांग्रेस ने अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और अधीर रंजन चौधरी को सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। ये नेता उम्मीदवार चयन, प्रचार और नतीजों की निगरानी करेंगे। राजस्थान के हरीश चौधरी सहित आठ नेताओं को जिला पर्यवेक्षक बनाया गया है,

Oct 5, 2025 - 11:15
बिहार चुनाव 2025: गहलोत और हरीश चौधरी की अगुवाई में कांग्रेस का 'मिशन बिहार',
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणभेरी बज चुकी है, और कांग्रेस ने इस बार अनुभवी नेताओं को मैदान में उतारकर बड़ा दांव खेला है। पार्टी ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया है, जबकि राष्ट्रीय महासचिव और बायतू विधायक हरीश चौधरी को जिला पर्यवेक्षक की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। गहलोत के साथ छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल और पूर्व लोकसभा नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी भी सीनियर ऑब्जर्वर के रूप में बिहार में महागठबंधन की रणनीति को धार देंगे। यह तिकड़ी उम्मीदवार चयन से लेकर प्रचार और नतीजों तक की निगरानी करेगी, साथ ही हाईकमान को नियमित रिपोर्ट देगी।

गहलोत का अनुभव, चौधरी की संगठनात्मक ताकत

अशोक गहलोत का बिहार में सीनियर ऑब्जर्वर बनना कांग्रेस के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। गुजरात, पंजाब और हरियाणा विधानसभा चुनावों में सीनियर ऑब्जर्वर की भूमिका निभा चुके गहलोत के पास संगठनात्मक और रणनीतिक अनुभव का खजाना है। उनके RJD नेताओं लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से पुराने रिश्ते गठबंधन में तालमेल को मजबूत करेंगे। दूसरी ओर, हरीश चौधरी की जमीनी पकड़ और संगठनात्मक कौशल बिहार के जिलों में कार्यकर्ताओं की रायशुमारी और उम्मीदवार चयन में पारदर्शिता लाएगा। सोशल मीडिया पर कार्यकर्ता इसे 'गहलोत-चौधरी की जोड़ी से बिहार में कांग्रेस की नई लहर बता रहे है।

राजस्थान के 'आठ योद्धा': हरीश चौधरी की अगुवाई में जिला मिशन

कांग्रेस ने 41 जिला पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है, जिसमें राजस्थान के आठ नेताओं को अहम जिम्मेदारी दी गई है। हरीश चौधरी के साथ विधायक अशोक चांदना, रफीक खान, अभिमन्यू पूनिया, पूर्व मंत्री रामलाल जाट, जोधपुर से लोकसभा उम्मीदवार करण सिंह उचियारड़ा, जयपुर ग्रामीण से लोकसभा उम्मीदवार अनिल चौपड़ा और कांग्रेस नेता दिनेश गुर्जर जिला ऑब्जर्वर बनाए गए हैं। ये नेता तत्काल जिलों में उतरकर कार्यकर्ताओं से राय लेकर उम्मीदवारों का पैनल तैयार करेंगे, जिसे हाईकमान को भेजा जाएगा। हरीश चौधरी की अगुवाई में यह प्रक्रिया मजबूत और निष्पक्ष उम्मीदवार चयन सुनिश्चित करेगी। 

सीट शेयरिंग में खींचतान: कांग्रेस की 'कमजोर सीटें नहीं' की रणनीति

महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर तनाव बरकरार है। 2020 में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 19 जीती। पार्टी का दावा है कि 51 हारी सीटों में 37 कमजोर जनाधार वाली थीं। इस बार कांग्रेस ने ऐसी सीटों से इनकार कर दिया है। कांग्रेस 76 सीटों पर दावा कर रही है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, 50-60 सीटों तक सीमित हो सकती है।

RJD सबसे ज्यादा सीटें लेगी, लेकिन VIP और माले की बढ़ती मांग ने पेंच फंसाया है। गहलोत और चौधरी की जोड़ी इस खींचतान में गठबंधन को एकजुट रखने की कोशिश करेगी। कांग्रेस ने वोटर लिस्ट विवाद पर भी सवाल उठाए हैं, SIR प्रक्रिया को 'संदिग्ध' बताकर जांच की मांग की है।

बिहार में 'गहलोत-चौधरी' की जोड़ी से नई उम्मीद

गहलोत और हरीश चौधरी की अगुवाई में कांग्रेस बिहार में नई ऊर्जा के साथ उतर रही है। गहलोत का अनुभव और चौधरी की जमीनी पकड़ महागठबंधन को मजबूती देगी। क्या यह जोड़ी बिहार में 'परिवर्तन की लहर' लाएगी? इसका जवाब आने वाले दिन देंगे।