जहरीली सिरप का काला साया: बच्चों की मौतों के बाद राजस्थान सरकार ने कायसन फार्मा की 19 दवाओं पर लगाई रोक,

राजस्थान सरकार ने जयपुर की कायसन फार्मा कंपनी की 19 दवाओं (जिनमें खांसी की सिरप मुख्य है) पर तत्काल रोक लगा दी है, क्योंकि इन्हें पीने से 20 दिनों में मध्य प्रदेश और राजस्थान में 11 बच्चों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने 2 साल से छोटे बच्चों को ये सिरप न देने की एडवाइजरी जारी की है,

Oct 4, 2025 - 12:08
जहरीली सिरप का काला साया: बच्चों की मौतों के बाद राजस्थान सरकार ने कायसन फार्मा की 19 दवाओं पर लगाई रोक,
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राजस्थान में खांसी की सिरप से मासूम बच्चों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। मात्र 20 दिनों में मध्य प्रदेश और राजस्थान में 11 बच्चों की जान जा चुकी है, जबकि 10 से अधिक बच्चे गंभीर रूप से बीमार पड़ चुके हैं। इस भयावह स्थिति पर सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए जयपुर स्थित कायसन फार्मा कंपनी की सभी 19 प्रकार की दवाओं के वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह फैसला न केवल खांसी की सिरप तक सीमित है, बल्कि कंपनी की अन्य दवाओं को भी निशाना बनाया गया है, जो मुख्य रूप से मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत वितरित होती हैं।स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक, इन दवाओं को अब 2 साल या उससे छोटे बच्चों को कतई नहीं दिया जाना चाहिए। साथ ही, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) से संबंधित दवाओं के उपयोग को लेकर भी सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। केंद्रीय स्तर पर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भी इस मामले में एडवाइजरी जारी कर देशभर के राज्यों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है।

बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए 'खतरे की घंटी': पैकेजिंग पर चेतावनी अनिवार्य

स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद बताया, "हमने सभी दवा कंपनियों को निर्देश जारी किए हैं कि ऐसी दवाएं जो बच्चों या गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं, उन पर स्पष्ट चेतावनी अंकित की जाए। पैकेजिंग पर 'बच्चों के लिए वर्जित' या 'गर्भवती महिलाओं से परहेज' जैसी सूचना अनिवार्य होगी।" यह कदम उन दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया है, जहां अनियंत्रित मात्रा या अनुचित उपयोग से जानलेवा परिणाम सामने आ रहे हैं। राठौड़ ने जोर देकर कहा कि विभाग अब दवा उत्पादकों पर कड़ी नजर रखेगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

19 दवाओं की लिस्ट: निशुल्क योजना की दवाओं पर भी ब्रेक

कायसन फार्मा, जो जयपुर में स्थित एक प्रमुख दवा निर्माता कंपनी है, मुख्य रूप से खांसी की सिरप के अलावा अन्य सामान्य दवाओं का उत्पादन करती है। सरकार के आदेश से प्रभावित 19 दवाओं में शामिल हैं:खांसी की सिरप (मुख्य आरोपी): बच्चों में जहरीले तत्वों के कारण मौत का कारण बनी।

फॉलिक एसिड ओरल सिरप: विटामिन सप्लीमेंट के रूप में इस्तेमाल।

एजिस्पर-500: एंटीबायोटिक कैटेगरी।

मैकलिनॉस: एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा।

लैक्टिक एसिड बेसिलस टैबलेट: प्रोबायोटिक टैबलेट।

ग्लोअप-एसएफ: स्किन केयर संबंधी सिरप।

अन्य: एंटासिड, एंटी-एलर्जिक और सामान्य सप्लीमेंट्स।

ये दवाएं ज्यादातर राजस्थान सरकार की निशुल्क दवा योजना के तहत सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध कराई जाती थीं। प्रतिबंध 4 अक्टूबर 2025 से तत्काल प्रभावी होगा और पूरे राजस्थान राज्य में लागू रहेगा। कंपनी के खिलाफ लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है, जबकि राज्य के ड्रग कंट्रोलर को निलंबित कर दिया गया है।

मंत्री का बयान: 'डॉक्टरों ने नहीं लिखीं दवाएं, फिर भी दोबारा जांच'

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मृतक बच्चों की मांओं ने बताया कि दवाएं घर पर रखी हुई थीं। ये सरकारी सिफारिश या अस्पताल के प्रिस्क्रिप्शन पर आधारित नहीं थीं। ऐसे मामलों में विभाग की कोई सीधी जिम्मेदारी नहीं बनती, लेकिन पारदर्शिता के लिए हम सैंपल की दोबारा जांच कराएंगे।" मंत्री ने अभिभावकों, डॉक्टरों और दवा विक्रेताओं को चेतावनी दी कि 4 साल तक के बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के कोई सिरप न दिया जाए। उन्होंने कहा, "यह हादसा एक सबक है। अब हम दवा वितरण की पूरी चेन पर नजर रखेंगे।" 

मध्य प्रदेश से जुड़ा सिलसिला: 11 मौतें, राष्ट्रीय हड़कंप

यह मामला केवल राजस्थान तक सीमित नहीं है। मध्य प्रदेश में भी इसी सिरप से कई बच्चों की मौतें दर्ज की गई हैं, जिससे कुल आंकड़ा 11 तक पहुंच गया है। सीकर और भरतपुर जैसे जिलों में हुई घटनाओं ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है। शुरुआती जांच में सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल जैसे जहरीले तत्व पाए गए हैं, जो किडनी फेलियर का कारण बनते हैं। तमिलनाडु जैसे अन्य राज्यों ने भी इसी तरह की दवाओं पर सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।