क्या राजस्थान के पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे सिर्फ शो के लिए हैं? सुप्रीम कोर्ट ने मांगी जवाबी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार से पुलिस थानों में नॉन-फंक्शनल सीसीटीवी कैमरों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी, कस्टडी मौतों, खराब मेंटेनेंस और SOP व ट्रेनिंग की कमी पर सवाल उठाए।

Sep 27, 2025 - 14:18
क्या राजस्थान के पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे सिर्फ शो के लिए हैं? सुप्रीम कोर्ट ने मांगी जवाबी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट इमेज सोशल मीडिया से ली गई।

जयपुर। राजस्थान के पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरों की स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार, 26 सितंबर, 2025 को राज्य सरकार से विस्तृत जानकारी मांगी। कोर्ट ने पूछा कि राज्य में थानों में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे कितने सक्रिय हैं और उनकी तकनीकी स्थिति कैसी है।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता शामिल थे, ने यह सुओ मोटु मामला इस महीने के शुरुआत में दर्ज किया था। मामला एक अखबार की रिपोर्ट पर उठाया गया, जिसमें बताया गया कि राजस्थान में 2025 के पहले आठ महीने में 11 कस्टडी मौतें हुईं, जिनमें से 7 मामले उदयपुर के थे। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया कि पुलिस अक्सर सीसीटीवी फुटेज “खराब होने”, “स्टोरेज न होने” या “गोपनीयता” जैसे कारणों से नहीं देती।

कोर्ट ने कहा कि सीसीटीवी का न चलना और रिकॉर्डिंग का न रख पाना 2020 के परमवीर सिंह सैनी बनाम बलजीत सिंह फैसले का उल्लंघन है। उस फैसले में कोर्ट ने कहा था कि सभी थानों में सीसीटीवी लगे ताकि कस्टडी टॉर्चर रोका जा सके।

राज्य से मांगी गई विस्तृत जानकारी

राज्य सरकार से पूछा गया कि थानों में कितने कैमरे हैं, उनका रिज़ॉल्यूशन, नाइट विज़न, ऑडियो कैप्चर और टेम्पर-डिटेक्शन की सुविधा कैसी है। साथ ही यह भी पूछा गया कि रिकॉर्डिंग कितने समय तक रखी जाती है और कैमरों की सर्विसिंग कितनी बार होती है।

कोर्ट ने SOPs यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बनाने और पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग देने पर भी सवाल उठाए। इसमें वीडियो डेटा की सुरक्षा और कोर्ट में सबूत के तौर पर इस्तेमाल के नियम शामिल हैं।

कोर्ट ने आदेश दिया कि यह रिपोर्ट डीजीपी के हलफनामे के साथ दो हफ्तों में जमा की जाए। अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही 2020 में कहा था कि थानों के सभी हिस्सों में, जैसे लॉकअप, कॉरिडोर, रिसेप्शन और इंटरोगेशन ऑफिस में सीसीटीवी जरूरी हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि भविष्य में पूरी तरह ऑटोमेटेड कंट्रोल रूम बनाई जाए जो नॉन-फंक्शनल कैमरों की तुरंत जानकारी दे सके।

Prahlad Ratnoo As a passionate reader, I believe every story deserves to be heard. I strive to bring heartfelt stories to life.