बाड़मेर: बारिश की कमी से सरहदी क्षेत्रों में ग्वार-बाजरा की फसलें सूखने लगीं

सीमावर्ती क्षेत्रों में इस बार शुरुआत में हुई अच्छी बारिश से किसानों के चेहरों पर रौनक लौट आई थी। ग्वार और बाजरा की बंपर बुवाई की गई थी। लगातार बारिश होने से फसलें भी उम्मीद के मुताबिक बढ़ने लगी थीं। लेकिन पिछले एक महीने से बारिश पूरी तरह थम गई है, जिसके चलते अब फसलें पीली पड़ने लगी हैं और सूखने की कगार पर पहुंच गई हैं।

Aug 30, 2025 - 14:16
बाड़मेर: बारिश की कमी से सरहदी क्षेत्रों में ग्वार-बाजरा की फसलें सूखने लगीं
बाड़मेर: बारिश की कमी से सरहदी क्षेत्रों में ग्वार-बाजरा की फसलें सूखने लगीं ( AI Generate Image )

गडरारोड (बाड़मेर)। सीमावर्ती क्षेत्रों में इस बार शुरुआत में हुई अच्छी बारिश से किसानों के चेहरों पर रौनक लौट आई थी। ग्वार और बाजरा की बंपर बुवाई की गई थी। लगातार बारिश होने से फसलें भी उम्मीद के मुताबिक बढ़ने लगी थीं। लेकिन पिछले एक महीने से बारिश पूरी तरह थम गई है, जिसके चलते अब फसलें पीली पड़ने लगी हैं और सूखने की कगार पर पहुंच गई हैं।

ग्वार और बाजरा की हालत खराब

किसानों का कहना है कि पिछले तीन महीने की मेहनत अब बर्बाद होती दिख रही है। ग्वार की फसल में अब तक फली नहीं लगी है। वहीं बाजरा भी सूखकर पीला पड़ने लगा है। खेतों में हरियाली की जगह अब सूखी पत्तियां दिखाई देने लगी हैं।

मूंग, मोठ और तिल पर भी असर

सिर्फ ग्वार और बाजरा ही नहीं, बल्कि मूंग, मोठ और तिल की फसलें भी प्रभावित हो रही हैं। जिन खेतों में हरी-भरी लहराती फसलें थीं, वहां अब सूखेपन के कारण किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

ग्रामीण रसोई पर भी पड़ा असर

आमतौर पर इस समय घर-घर ग्वार-फलियों, टिंडसी, काचर और मतीरों की सब्जियों की खुशबू फैल जाती है। लेकिन इस बार हालात बिल्कुल उलट हैं। खेतों में बेलें खाली पड़ी हैं और ग्वार की फलियां अभी तक आई ही नहीं।

किसान परेशान, आसमान की ओर टिकी निगाहें

अंतिम सरहदी गांवों में बारिश की बेरुखी ने किसानों की नींद उड़ा दी है। किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। अगर आने वाले दिनों में बारिश नहीं हुई तो हजारों बीघा फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी।

DBTV Rajasthan DBTV Rajasthan - हमारी टीम राजनीति, समाज और स्थानीय मुद्दों से जुड़ी ताज़ा और निष्पक्ष खबरें आप तक पहुँचाती है।