कांग्रेस में वापसी के बाद पहली बार कांग्रेस कार्यालय पहुंचे मेवाराम जैन, जानिए फिर क्या ?

महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर पूर्व विधायक मेवाराम जैन ने बाड़मेर जिला कांग्रेस दफ्तर में 'घर वापसी' के बाद पहली बार कदम रखा। जिला अध्यक्ष गफूर अहमद के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने गांधी टोपी और माला पहनाकर उनका जोरदार स्वागत किया। जैन ने गांधी प्रतिमा पर प्रार्थना की और अहिंसा सर्किल पर माल्यार्पण किया। हालांकि, कुछ कार्यकर्ता, जो उनकी वापसी का विरोध कर रहे थे, कार्यक्रम से उठकर चले गए।

Oct 2, 2025 - 17:06
कांग्रेस में वापसी के बाद पहली बार कांग्रेस कार्यालय पहुंचे मेवाराम जैन, जानिए फिर क्या ?

राजस्थान के सीमांत जिले बाड़मेर में कांग्रेस की राजनीति एक बार फिर गरमाई हुई नजर आ रही है। महात्मा गांधी जयंती के पावन अवसर पर पूर्व विधायक मेवाराम जैन ने अपनी 'घर वापसी' के बाद पहली बार जिला कांग्रेस दफ्तर का रुख किया, तो स्वागत का जोरदार अंदाज देखने लायक था। गांधी स्टाइल में टोपी-माला पहनाकर नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका अभिनंदन किया, लेकिन पार्टी के एक धड़े के तीन-चार कार्यकर्ताओं ने खुलेआम विरोध जताते हुए बीच कार्यक्रम से ही उठकर चले गए। यह घटना न केवल जैन की वापसी पर बरकरार तनाव को उजागर करती है, बल्कि कांग्रेस के आंतरिक कलह को भी साफ तौर पर रेखांकित करती है।

मौका था बापू की 156वीं जयंती का। जिला कांग्रेस दफ्तर में जिला अध्यक्ष गफूर अहमद के नेतृत्व में कार्यक्रम जोर-शोर से चल रहा था। मेवाराम जैन अपने समर्थक कार्यकर्ताओं के साथ दफ्तर पहुंचे, जहां उन्होंने सबसे पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रार्थना की। इसके बाद अहिंसा सर्किल पर आयोजित कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष गफूर अहमद के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने बापू को माल्यार्पण किया। जैन के पहुंचते ही माहौल में उत्साह का संचार हो गया। कार्यकर्ताओं ने 'अशोक गहलोत जिंदाबाद' और 'कांग्रेस जिंदाबाद' के नारों के बीच उन्हें गांधी टोपी और माला पहनाई, जो पार्टी के पारंपरिक स्वागत का प्रतीक है।

 जैन के दफ्तर में कदम रखते ही कुछ कार्यकर्ता, जो शुरू से ही उनकी घर वापसी का विरोध कर रहे थे, अपनी जगह से खड़े हो गए और चुपचाप बाहर निकल गए।

कुल मिलाकर, गांधी जयंती पर जैन का यह स्वागत कांग्रेस के 'एकता के संकल्प' का प्रतीक तो बना, लेकिन विरोध की चिंगारियां भी बुझने का नाम नहीं ले रही। बाड़मेर की सियासत में आगे क्या मोड़ आएगा, यह तो वक्त ही बताएगा।