भीड़ ने जलाया भाजपा कार्यालय, हड़ताल से भड़की हिंसा सरकार बोली -सोनम वांगचुक जिम्मेदार
लद्दाख हिंसा में 4 की मौत, 70 घायल; प्रदर्शनकारियों ने BJP दफ्तर और काउंसिल हॉल को जलाया। केंद्र ने सोनम वांगचुक पर युवाओं को भड़काने का आरोप लगाया।

लेह/दिल्ली। बुधवार को लेह में पूरे देश में उस वक़्त सनसनी फैल गयी जब बताया गया कि वहां पर किसी ने भाजपा पार्टी के कार्यालय को आगजनी के हवाले कर दिया है तथा हर जगह हिंसा भड़क चुकी है। बताया जा रहा है कि बुधवार को भड़की हिंसा में कम से कम 70 लोगो के घायल होने की सूचना है।
भूख हड़ताल से भड़का गुस्सा?
लद्दाख में आज हिंसा भड़क उठी। चार लोगों की मौत हो गई और 70 से ज्यादा घायल हुए। केंद्र ने सीधे तौर पर सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया। गृहमंत्रालय ने कहा कि “अरब स्प्रिंग जैसी आंदोलन की बातें कर उन्होंने युवाओं को भड़काया और नतीजा हिंसक झड़पों के रूप में सामने आया।”
प्रदर्शनकारियों का पथराव, BJP दफ्तर जला
पुलिस और सुरक्षाबलों पर पथराव हुआ। 50 सुरक्षाकर्मी घायल बताए जा रहे हैं। भीड़ ने लद्दाख हिल काउंसिल असेंबली हॉल और BJP दफ्तर में आग लगा दी। डिप्टी कमिश्नर लेह ने कहा कि भीड़ ने CRPF जवानों की गाड़ी तक जलाने की कोशिश की।
सरकार बोली - हिंसा सोची-समझी साजिश
केंद्र सरकार के सूत्रों ने आरोप लगाया कि हालात अपने-आप नहीं बिगड़े बल्कि “राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं और निजी स्वार्थों” से हिंसा भड़काई गई। उनका कहना है कि लद्दाख के युवा गुमराह हुए हैं और असली दोषी कुछ लोग हैं जिन्होंने माहौल बिगाड़ा।
‘सबसे दुखद दिन’ : सोनम वांगचुक
वहीं, हालात बिगड़ने पर सोनम वांगचुक ने भूख हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा, “यह लद्दाख और मेरे जीवन का सबसे दुखद दिन है। पिछले पांच साल से हम शांति से आंदोलन कर रहे थे। मैं युवाओं से अपील करता हूं कि हिंसा रोकें और बातचीत का रास्ता अपनाएं।”
6वीं अनुसूची की मांग पर अड़े लोग
लद्दाख की मांग है कि उसे राज्य का दर्जा मिले और संविधान की छठी अनुसूची लागू हो। इसके तहत आदिवासी क्षेत्रों को विशेष अधिकार, स्वायत्त परिषद और वित्तीय शक्तियां दी जाती हैं। LAB और KDA नामक संगठन पिछले चार साल से इसको लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
हाई पावर्ड कमेटी की मीटिंग तय
केंद्र ने 6 अक्टूबर को हाई पावर्ड कमेटी की बैठक बुलाई है। इसमें लद्दाख की मांगों पर चर्चा होगी। सरकार का कहना है कि पहले भी कई बार बातचीत की पेशकश की गई थी लेकिन कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़कर हिंसा भड़काई।