पिता का साया उठने के बाद भी बेटियों ने नही हारी हिम्मत
बाड़मेर की पवनी और धापू ने दो साल पहले पिता के निधन के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और राज्य स्तर पर चयनित हुईं।

बाड़मेर। बाड़मेर के चोहटन उपखंड में दो बहनों ने हिम्मत, लगन और मेहनत की मिसाल पेश की है। दो साल पहले पूरे परिवार पर संकट का पहाड़ तब टूटा जब घर के मुखिया घमण्डाराम राम का निधन हो गया। लेकिन परिवार की बेटियों, पवनी (19) और धापू (17), ने हार नहीं मानी। दोनों ने अपनी मेहनत और लगन से फुटबॉल और खो-खो में राज्य स्तर पर चयन प्राप्त कर क्षेत्र और जिले का नाम रौशन किया।
पवनी और धापू ने परिवार और जिले का नाम रौशन किया
पवनी फुटबॉल में और धापू खो-खो में राज्य स्तर पर चयनित हुईं। यह उपलब्धि “हज़ार बर्क़ गिरे, लाख आँधियाँ उठें, वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं” के चरितार्थ के रूप में देखी जा रही है।
दोनों बहनें चोहटन उपखंड के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नेहरों की नाड़ी में अध्ययनरत हैं। चयन की खुशी में पूरे गाँव में उत्साह का माहौल है और ग्रामीण एवं स्कूल स्टाफ ने उन्हें बधाई और हौसला अफजाई की। स्कूल स्टाफ अमरा राम नेहरा, प्रकाश विश्नोई, देवेंद्र बैनिवाल, देवराज नेहरा, चेतन राम, अनिल किशनाराम, पूनमाराम नेहरा, देराज मूढ़ सहित अन्य स्टाफ और ग्रामीणों ने दोनों बहनों को शुभकामनाएं दीं।