बाड़मेर में एंबुलेंस नहीं पहुंची तो साइकिल रिक्शा पर प्रसूता को अस्पताल ले पहुंचा पति, मां ने चढ़ाई में रिक्शा को लगाया धक्का, स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की खुली पोल
बाड़मेर में एक पति ने जब पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई तो एंबुलेंस को कॉल किया। हालांकि, जा। काफी देर बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची तो पति ने अपने तिपहिया साइकिल रिक्शा पर लिटाकर पत्नी को अस्पताल ले जाने का फैसला किया। इसमें युवक की मां भी शामिल थी। जहां कहीं भी चढ़ाई जैसा लगा और युवक साइकिल को खींच नहीं पाया तो उसकी मां ने पीछे से साइकिल रिक्शा को धक्का लगाया। और यह वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोग कहने लगे कि प्रशासन और सरकार में से कोई गरीब का नहीं है। यही वजह है कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के बड़े बड़े दावे करने वाली सरकारों पर यह वीडियो कई सवाल खड़े कर रहा है।

राजस्थान के बाड़मेर में एक तस्वीर ने प्रशासन सरकार के दावों की पोल खोल दी। आए दिन प्रशासन और सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं की योजनाएं तरह -तरह के दावे करती नजर आती है। लेकिन, बाड़मेर जिला मुख्यालय की इस तस्वीर ने बाड़मेर के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल कर रख दी।
दरसअल, विक्रम जो बाड़मेर शहर के बालाजी फॉर्म हाउस के पास स्थित एक झुग्गी झोंपड़ी में रहता है। उसकी 25 वर्षीय पत्नी लीला गर्भवती थी और बुधवार दोपहर जब उसे प्रसव पीड़ा हुई तो उसने एंबुलेंस को कॉल किया। काफी देर तक जब एंबुलेंस नहीं पहुंची तो विक्रम ने अपनी पत्नी को अपनी तिपहिया साइकिल रिक्शे पर अस्पताल ले जाने का फैसला किया। वो नेहरू नगर पुलिया से होते हुए अस्पताल पहुंचा। ऐसा विक्रम का कहना है।
मां ने साइकिल रिक्शा को चढ़ाई में लगाया धक्का
जहां चढ़ाई थी। वहां विक्रम की मां नाजी देवी ने साइकिल रिक्शा को पीछे से धक्का लगाया और जैसे -तैसे लीला को अस्पताल पहुंचाया पहुंचाया। घटना बुधवार दोपहर करीब 2 बजे की है। करीब एक घंटे बाद करीब 3 बजे विक्रम की पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया। चिकित्सकों का कहना है कि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
सरकार के दावों पर उठे सवाल
इस पूरे मामले में पति और सास की मजबूरी साफ झलकती नजर आई। क्योंकि एआई और टेक्नोलॉजी के इस युग में जहां हम चांद और मंगल पर पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं। साथ ही सरकारें स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े बड़े दावे कर रही है। इसी बीच गरीब लोगों के लिए धरातल पर ये सुविधाएं ना के बराबर है। ऐसे सवाल सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ उठाए जा रहे हैं।
जांच में जुटा स्वास्थ्य विभाग
पूरे मामले को लेकर बाड़मेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विश्नोई राम विश्नोई का कहना है कि एंबुलेंस समय पर क्यों नहीं पहुंचीं। इसको लेकर विभाग ने कंपनी को नोटिस जा कर जवाब मांगा हैं। जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि लापरवाही किसकी रही ?