‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर सुनील बंसल का बड़ा बयान, कहा- यह देश का मुद्दा, किसी पार्टी का एजेंडा नहीं
राजधानी जयपुर में आयोजित ‘स्टूडेंट्स फॉर वन नेशन वन इलेक्शन’ कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने देश में बार-बार होने वाले चुनावों को बड़ी समस्या बताया। उन्होंने कहा कि चुनाव लोकतंत्र की मूल प्रक्रिया है, लेकिन केवल चुनाव जीतना ही लक्ष्य नहीं होना चाहिए। लोकतंत्र का उद्देश्य जनता के लिए कार्य करना है।

जयपुर : राजधानी जयपुर में आयोजित ‘स्टूडेंट्स फॉर वन नेशन वन इलेक्शन’ कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने देश में बार-बार होने वाले चुनावों को बड़ी समस्या बताया। उन्होंने कहा कि चुनाव लोकतंत्र की मूल प्रक्रिया है, लेकिन केवल चुनाव जीतना ही लक्ष्य नहीं होना चाहिए। लोकतंत्र का उद्देश्य जनता के लिए कार्य करना है।
96 करोड़ वोटर और चुनावी खर्च पर चिंता
सुनील बंसल ने बताया कि आज भारत में 96 करोड़ वोटर हैं। आजादी के बाद पहले चुनाव में केवल 19 करोड़ मतदाता थे, लेकिन अब उनकी संख्या कई गुना बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में 1 लाख 35 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए। इसका अर्थ है कि एक वोट की कीमत लगभग 1400 रुपये बैठती है।
बार-बार चुनाव के कारण जनता, सरकार और प्रशासन लगातार चुनावी माहौल में ही उलझे रहते हैं।
बार-बार चुनाव से विकास कार्य प्रभावित
भाजपा महामंत्री ने कहा कि पिछले 30 वर्षों से देश में लगभग हर साल किसी न किसी राज्य में चुनाव हो रहे हैं। इसके कारण 150 दिन से अधिक समय तक आचार संहिता लागू रहती है और विकास कार्य ठप पड़ जाते हैं। महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि लगभग एक वर्ष वहां आचार संहिता लागू रही, जिससे जनता के कामकाज प्रभावित हुए।
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ क्यों जरूरी?
बंसल ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन केवल भाजपा का मुद्दा नहीं, बल्कि यह देशव्यापी राजनीतिक और सामाजिक सुधार (Political & Social Reform) है।
उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से –
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युवाओं को अधिक अवसर मिलेंगे,
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परिवारवाद की राजनीति खत्म होगी,
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सामाजिक और राजनीतिक वैमनस्यता में कमी आएगी।
भारत की बदलती छवि और वैश्विक संदेश
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के 11 साल के नेतृत्व में भारत दुनिया के सामने मजबूती से खड़ा हुआ है। अमेरिका जैसे बड़े देशों की दादागिरी का जवाब भारत ने पहली बार दिया है। आज भारत किसी के सामने झुकने वाला नहीं है। विदेशों में भारतीय प्रधानमंत्री का रेड कार्पेट वेलकम इस बदलाव का प्रमाण है।
छात्रों से अपील
सुनील बंसल ने छात्रों से कहा कि वे कॉलेज और यूनिवर्सिटी में जाकर वन नेशन वन इलेक्शन पर भाषण दें और युवाओं में इस विषय पर जागरूकता फैलाएं। उन्होंने कहा कि यह अभियान इतना बड़ा होना चाहिए कि जो नेता इसका विरोध करें, उन्हें सौ बार सोचना पड़े।
वोटर लिस्ट में सुधार की मांग
राहुल गांधी की ‘वोटर यात्रा’ पर प्रतिक्रिया देते हुए बंसल ने कहा कि 2002 के बाद से वोटर लिस्ट का सही तरीके से संशोधन नहीं हुआ है। मृत व्यक्तियों के नाम और फर्जी वोटर अब भी सूची में दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि भारत में वोट डालने का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को है, घुसपैठियों को नहीं। इसलिए वन नेशन वन इलेक्शन के साथ ‘वन वोटर लिस्ट’ भी आवश्यक है।