शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने जैसलमेर MLA से कहा—"इन्हें टाइट करो, जूता ठोको इयोंरे"
बाड़मेर के निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने जैसलमेर के भाजपा विधायक छोटू सिंह भाटी को लखा गांव में वीरम सिंह के लिए चल रहे धरने पर जमकर फटकार लगाई।

बाड़मेर/जैसलमेर। राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर 'भाटी vs भाटी' की जंग छिड़ गई है। बाड़मेर के शिव विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने जैसलमेर के भाजपा विधायक छोटू सिंह भाटी पर तीखा प्रहार किया है। लखा गांव में वीरम सिंह को न्याय दिलाने के लिए चल रहे धरने के दौरान रविंद्र भाटी ने छोटू सिंह को निशाना बनाते हुए कंपनी की 'तानाशाही' और प्रशासन की 'मिलीभगत' का आरोप लगाया, तो वहीं राजपुरोहित समाज के वोट बैंक पर भी सवाल उठाए। यह घटना न केवल स्थानीय सियासत को गरमा रही है, बल्कि तीनों दलों के नेताओं की मौजूदगी में एकजुटता की परीक्षा ले रही है।
लखा गांव धरना: वीरम सिंह का संघर्ष और सियासी समर्थन
जैसलमेर जिले के लखा गांव में वीरम सिंह को न्याय दिलाने के लिए पिछले नौ दिनों से धरना चल रहा है। जहां ग्रामीणों का आरोप है कि निजी कंपनियों के हित में सरकारी तंत्र काम कर रहा है। धरना स्थल पर निर्दलीय, भाजपा और कांग्रेस,RLP समेत तीनों दलों के नेता एकजुट होकर समर्थन दे रहे हैं। यह दुर्लभ दृश्य राजस्थान की ग्रामीण राजनीति में एकता का प्रतीक बन गया है, जहां सामान्य मुद्दे पार्टियां भुला रही हैं।धरने में ग्रामीणों के अलावा स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा संगठनों के सदस्य भी शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों का मुख्य मांग है कि वीरम सिंह के मामले में तत्काल न्याय सुनिश्चित किया जाए और संबंधित कंपनी या प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई हो। धरना शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है, लेकिन रविंद्र भाटी के पहुंचने के बाद यह सियासी रंग ले लिया।
धरने पर पहुंचे छोटू सिंह, भड़के रविंद्र भाटी: पुराने जख्म फिर ताजा
सोमवार को जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी भी धरना स्थल पर पहुंचे। वे ग्रामीणों से बातचीत करने और समर्थन जुटाने की कोशिश में थे। लेकिन उनकी मौजूदगी ने रविंद्र भाटी को पुराने गिले-शिकवे याद दिला दिए। भाटी ने न केवल वर्तमान लखा गांव के धरने पर सवाल उठाए, बल्कि बीते दिनों जैसलमेर में ओरण संरक्षण के लिए चले धरने का भी जिक्र किया।रविंद्र भाटी ने छोटू सिंह भाटी को सीधे संबोधित करते हुए कहा, "कंपनी की तानाशाही क्यों चल रही है? क्या इसमें आपकी मिलीभगत है? अगर नहीं, तो इन्हें टाइट करो… जूता ठोको इयोरे!" यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल भी जमकर हो रहा है । आगे भाटी ने ओरण धरने का हवाला देते हुए कहा, "उस दिन बाहर गोरखनाथ जी और आप सब बैठे थे, लेकिन कलेक्टर आपके कहने पर भी बाहर नहीं आया। क्या लोगों के दुख-दर्द को मजाक समझ रखा है?"
राजपुरोहित समाज पर सवाल: "अपने ही साथ ऐसा, तो दूसरों का क्या?"
रविंद्र भाटी ने अपने भाषण में सामाजिक ताने भी मारे। उन्होंने कहा, "MLA साहब, यह राजपुरोहित समाज है, आप तो इनमें से हो ही, लेकिन 99% लोग हमेशा भाजपा के साथ रहे हैं। फिर भी इन्हें 9 दिन से धरने पर बैठना पड़ रहा है। अगर अपने ही साथ ऐसा हो रहा है, तो दूसरों का क्या हाल होगा, सोच लो।" यह बयान राजपुरोहित समाज के वोट बैंक को निशाना बना रहा था, जो पारंपरिक रूप से भाजपा का समर्थक रहा है। भाटी का इशारा साफ था कि सत्ता पक्ष के विधायक अपने ही लोगों के मुद्दों पर उदासीन हैं।