गुरू और आराध्य ही जीवन के तारणहार – आचार्य श्रीजिनमणिप्रभसूरीश्वर
श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ चातुर्मास कमेटी के तत्वावधान में आयोजित संघ शास्ता वर्षावास 2025 का शुभारंभ शुक्रवार को हुआ। इस अवसर पर खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्रीजिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा., साध्वी डॉ. विधुत्प्रभाश्रीजी एवं श्रमण-श्रमणी वृंद के सान्निध्य में भक्तों ने गुरु दिवस के महत्व पर प्रवचन श्रवण किया।

कोटड़िया-नाहटा ग्राउंड स्थित सुधर्मा प्रवचन वाटिका में चातुर्मास प्रवचन
बाड़मेर: श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ चातुर्मास कमेटी के तत्वावधान में आयोजित संघ शास्ता वर्षावास 2025 का शुभारंभ शुक्रवार को हुआ। इस अवसर पर खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्रीजिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा., साध्वी डॉ. विधुत्प्रभाश्रीजी एवं श्रमण-श्रमणी वृंद के सान्निध्य में भक्तों ने गुरु दिवस के महत्व पर प्रवचन श्रवण किया।
गुरु और आराध्य ही सच्चे तारणहार
आचार्यश्री ने प्रवचन में कहा कि संसार में मां से बड़ा कोई गुरु नहीं होता। गुरु केवल शिक्षा देने वाला नहीं बल्कि जीवन जीने की राह दिखाने वाला होता है। उन्होंने कहा कि “गुरु परमात्मा का प्रत्यक्ष रूप है, गुरु के बिना कोई भी जीवन नैया का पार नहीं कर सकता।”
आचार्यश्री ने समझाया कि जीवन में सीखने की ललक कभी खत्म नहीं करनी चाहिए। यदि सीखने की इच्छा है, तो पत्थर और रेत भी हमें शिक्षा दे सकते हैं।
गुरु परंपरा और समर्पण का महत्व
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु का आदेश बिना सवाल उठाए मानना ही परंपरा रही है। गुरु का हर आदेश शिष्य के लिए शिक्षा और दीक्षा का मार्ग है। यदि शिष्य अपने गुरु के आदेशों का निर्वाह निष्ठा और बिना स्वार्थ के करता है, तो वह संसार के मोह-माया से मुक्त होकर जीवन में सफलता पा सकता है।
शिक्षक दिवस पर विशेष संदेश
शिक्षक दिवस के अवसर पर आचार्यश्री ने कहा कि हर व्यक्ति अपने जीवन में कभी न कभी शिक्षक की भूमिका निभाता है। “कभी-कभी एक बच्चा भी हमें बहुत बड़ी शिक्षा दे सकता है।” उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को चाहिए कि वे अपने गुरु और आराध्य के प्रति गहरा विश्वास और समर्पण भाव रखें।
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बाहर से पहुंचे गुरुभक्तों का सम्मान
चातुर्मास कमेटी के कोषाध्यक्ष बाबुलाल छाजेड़ कवास और मीडिया संयोजक कपिल मालू ने बताया कि प्रवचन वाटिका में बाहरी राज्यों से आए गुरुभक्तों का स्वागत किया गया। इनमें जेठमल दुग्गड़ (दुर्ग), मनीष दुग्गड़ (दुर्ग), पुखराज चैपड़ा (उज्जैन), चंद्रशेखर डागा (उज्जैन), निर्मलकुमार संखलेचा (उज्जैन), गौतमचंद कोचर (कोरबा), श्रवण देसाई (सूरत) सहित अनेक श्रद्धालु शामिल थे। सभी का सम्मान चातुर्मास कमेटी द्वारा किया गया।
युवाओं के लिए विशेष क्लास
कमेटी ने बताया कि शनिवार से प्रतिदिन रात 9 बजे से 9:45 बजे तक मुनि मधुरप्रभसागरजी म.सा. की निश्रा में युवाओं की विशेष क्लास आयोजित की जाएगी। इस क्लास का उद्देश्य युवाओं में धर्म, संस्कृति और गुरु परंपरा के प्रति गहरी आस्था और जागरूकता विकसित करना है।