शिविर में खाली कुर्सियां देख भड़के मंत्री, लगाई फटकार
कोटा ग्रामीण के बोरबास सेवा शिविर में पंचायतीराज मंत्री अचानक पहुंचे। खाली कुर्सियां और अनुपस्थित अधिकारी देख भड़के, रजिस्टर पर टिप्पणी लिखी और एसडीएम को फटकार लगाई।

कोटा। राजस्थान में इन दिनों शहरी और ग्रामीण सेवा शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि आमजन को योजनाओं और सुविधाओं का लाभ आसानी से मिल सके। लेकिन शनिवार को कोटा ग्रामीण क्षेत्र के बोरबास सेवा शिविर में हालात कुछ और ही दिखाई दिए। शिविर का निरीक्षण करने के लिए पंचायतीराज मंत्री अचानक सुबह करीब 10 बजे पहुँच गए।
मंत्री के पहुंचते ही सामने का दृश्य देखकर वे भड़क उठे। मंच के सामने लगी कुर्सियां लगभग खाली थीं और जो कुछ कर्मचारी व अधिकारी उपस्थित थे, वे पंचायत कार्यालय के कमरे के अंदर बैठे हुए थे। मंत्री ने तुरंत एक कुर्सी उठाकर मंच पर बैठने का संकेत दिया और नाराज़गी जताई।
इस बीच जैसे ही आंगनबाड़ी कर्मचारियों को सूचना मिली कि मंत्री आ गए हैं, उन्होंने हड़बड़ी में मंच के पास शिविर का बोर्ड पीछे से ला कर लगा दिया। मंत्री ने सवाल किया कि शिविर भवन के कमरे में आयोजित करने के निर्देश किसने दिए हैं? इस पर नायब तहसीलदार ने सफाई दी कि ग्रामीणों के आने का इंतजार कर रहे थे। इस पर मंत्री ने तीखा तंज कसते हुए कहा – “आराम फरमाने आए हो क्या?”
इसके बाद उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर मंगवाया और उस पर टिप्पणी लिखते हुए दर्ज किया कि सुबह 10:27 बजे तक गिने-चुने कर्मचारी ही मौजूद थे, वो भी कमरे के अंदर। उन्होंने रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर समय भी अंकित किया।
स्थिति से असंतुष्ट मंत्री ने तत्काल एसडीएम को फोन लगाया और पूछा कि शिविर का समय क्या है। एसडीएम ने बताया 9:30 से 6 बजे तक। इस पर मंत्री ने कहा कि “मैं बोरबास शिविर में हूँ और अभी 10:30 बज रहे हैं, यहाँ कोई अधिकारी मौजूद नहीं है।” इसके बाद उन्होंने फोन काट दिया।
करीब एक घंटा शिविर में रुककर मंत्री ने हालात का जायजा लिया और फिर वहां से रवाना हो गए।