हेलीकॉप्टर में सवार होकर परीक्षा देने उत्तराखंड पहुंचे राजस्थान के 4 स्टूडेंट्स, जानिए आखिर क्यों किया ऐसा ?
राजस्थान के बालोतरा के 4 छात्रों ने बीएड के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा देने के लिए हेलिकॉप्टर से उत्तराखंड के मुनिसियारी पहुंचे। भारी बारिश और भूस्खलन से सड़क मार्ग बंद होने के कारण उन्होंने हेलिकॉप्टर किराए पर लिया। प्रति छात्र 10,400 रुपये खर्च किए।

राजस्थान के बालोतरा जिले के रहने वाले 4 छात्र एग्जाम देने के लिए हेलीकॉप्टर बुक कर उत्तराखंड पहुंच गए। चारों छात्र पत्राचार के माध्यम से उत्तराखंड के मुनिसियारी में बीएड कर रहे थे। आखिरी सेमिस्टर का एग्जाम था। लेकिन,
उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कई जिलों में सड़क मार्ग बाधित हो चुके है और वे मुनिसियारी स्थित एग्जाम सेंटर तक नहीं पहुंच सकते थे। ऐसे में इन स्टूडेंट्स ने प्राइवेट हेलीकॉप्टर कंपनी से संपर्क किया और हल्द्वानी से हेलीकॉप्टर किराए कर एग्जाम सेंटर पर पहुंच गए।
हेलीकॉप्टर के लिए प्रति स्टूडेंट को 10 हजार 400 रुपए का भुगतान करना पड़ा। हालांकि, सोशल मीडिया पर चारों स्टूडेंट को लेकर चर्चा छिड़ी हुई है कि "अगर, इनके पास इतना पैसा है तो बीएड करने नौकरी करने की कहां जरूरत है।"
वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड में एग्जाम देने गए स्टूडेंट्स का कहना है कि "आखिरी सेमिस्टर नहीं देते तो हमारा पूरा साल खराब हो जाता।"
दरसअल, बालोतरा जिले के निवासी ओमाराम, मगाराम, प्रकाश और लकी चौधरी उत्तराखंड के ओपन यूनिवर्सिटी से पत्राचार के माध्यम से बीएड कर रहे हैं। पहला सेमिस्टर फरवरी 2024, दूसरा अगस्त 2024, तीसरा 2025 और चौथा 3 सितंबर 2025 को था। जिसके लिए चारों स्टूडेंट 1 सितंबर को जोधपुर से ट्रेन में सवार होकर 2 सितंबर को हल्द्वानी पहुंच गए थे। लेकिन, भारी बारिश और भूस्खलन के कारण परीक्षा सेंटर होने वाले सारे रास्ते बंद थे। ऐसे में स्टूडेंट्स ने प्राइवेट हेलीकॉप्टर कंपनी से संपर्क किया।
स्टूडेंट्स ने हेरिटेज एविएशन के सीईओ से अनुरोध किया कि परीक्षा नहीं दी तो उनका पूरा साल बर्बाद हो जाएगा। आखिरकार प्राइवेट कंपनी ने हेलीकॉप्टर और दो पायलट भेजे। चारों स्टूडेंट्स हल्द्वानी से हेलीकॉप्टर से 30 से 30 मिनिट का सफर करके आरएस टोलिया मुनिसियारी परीक्षा केंद्र पहुंचे।
हल्द्वानी से मुनिसियारी की दूरी करीब 280 किलोमीटर है। प्राइवेट हेलीकॉप्टर कंपनी ने स्टूडेंट्स से दोनों तरफ (आने -जाने) का प्रति व्यक्ति 10 हजार 400 रुपए किराया लिया और परीक्षा के बाद उन्हें वापस सुरक्षित हल्द्वानी पहुंचा दिया। इसके बाद अब छात्र अपने घरों को लौट चुके हैं।