मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की जनसुनवाई: अंत्योदय के संकल्प को साकार करने की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर में 29 सितम्बर 2025 को मुख्यमंत्री निवास पर जनसुनवाई आयोजित की, जिसमें महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों की समस्याओं को प्राथमिकता दी गई। कई परिवेदनाओं का मौके पर निस्तारण किया गया, जिससे आमजन संतुष्ट नजर आए।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने कुशल और दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य सरकार को आमजन की समस्याओं के समाधान के लिए पूरी तरह समर्पित बताया। सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित नियमित जनसुनवाई में उन्होंने पं. दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय सिद्धांत को साकार करने की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। इस जनसुनवाई में महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों की समस्याओं को प्राथमिकता दी गई, जिससे आमजन में संतुष्टि का भाव स्पष्ट दिखाई दिया।
जनसुनवाई में त्वरित समाधान, जनता संतुष्ट
मुख्यमंत्री ने जनसुनवाई के दौरान विभिन्न विभागों से संबंधित परिवेदनाओं को ध्यानपूर्वक सुना और कई मामलों का मौके पर ही निस्तारण किया। कृषि, गृह, राजस्व, सिंचाई, परिवहन, पशुपालन, जयपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम, शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल, मनरेगा और ऊर्जा जैसे विभागों से जुड़ी समस्याओं पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए। परिवादियों ने अपनी समस्याओं के त्वरित समाधान पर संतोष व्यक्त किया और मुख्यमंत्री के इस प्रयास की सराहना की।
अधिकारियों को संवेदनशीलता और पारदर्शिता का निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे आमजन की समस्याओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और संवेदनशीलता के साथ उनका समयबद्ध निस्तारण करें। उन्होंने कहा, “जनसुनवाई में आने वाले लोग प्रशासन से बड़ी उम्मीद लेकर आते हैं। अधिकारियों को पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ काम करते हुए लोगों को राहत प्रदान करनी चाहिए।” श्री शर्मा ने स्थानीय स्तर पर नियमित जनसुनवाई आयोजित करने पर भी जोर दिया, ताकि जनता की समस्याओं का समाधान उनके नजदीक ही हो सके।
सामाजिक कार्यक्रमों को प्रोत्साहन
जनसुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के पोस्टरों का विमोचन भी किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और आमजन उपस्थित रहे, जिन्होंने मुख्यमंत्री के इस जन-केंद्रित दृष्टिकोण की प्रशंसा की।
अंत्योदय के संकल्प को साकार करने की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार पं. दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के सिद्धांत को अपनाते हुए समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। जनसुनवाई जैसे प्रयास इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं, जो न केवल जनता की समस्याओं का समाधान करते हैं, बल्कि सरकार और जनता के बीच विश्वास का सेतु भी बनाते हैं।