बाड़मेर कांग्रेस में गुटबाजी का तांडव: अमीन खान ने मीटिंग बॉयकॉट की, मेवाराम जैन की वापसी पर बड़ा बयान
बाड़मेर में कांग्रेस के संगठन सर्जन अभियान के तहत जिला अध्यक्ष चयन और संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की रायशुमारी में गुटबाजी उभरकर सामने आई।

राजस्थान के बाड़मेर जिले में कांग्रेस पार्टी के संगठन सर्जन अभियान को लेकर चल रही रायशुमारी में गुटबाजी की कड़वाहट खुलकर सामने आ गई है। गुरुवार को उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी और बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा के पर्यवेक्षक राजेश तिवारी के दौरे पर पूर्व विधायक अमीन खान ने मीटिंग में शिरकत करने से साफ इनकार कर दिया। मीटिंग का स्थान पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी से जुड़े वीरेंद्र धाम हॉस्टल में तय होने पर अमीन खान ने आपत्ति जताई, इसे "पर्सनल घर की मीटिंग" बताते हुए सर्किट हाउस में पर्यवेक्षक से अलग से मुलाकात की। इस बीच, पूर्व विधायक मेवाराम जैन की पार्टी में वापसी को लेकर भी विवादास्पद बयानबाजी हो रही है, जिस पर अमीन खान ने कहा, "दुनिया कहती रहेगी, किसी की जुबान को नहीं रोक सकते।
"कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए "संगठन सर्जन अभियान" शुरू किया है, जिसमें हर जिले में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र के लिए उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी राजेश तिवारी को पर्यवेक्षक बनाया गया है। तिवारी गुरुवार को बाड़मेर पहुंचे, जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं से राय लेने का सिलसिला शुरू किया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य नए संगठनात्मक ढांचे का गठन और जिला अध्यक्ष का चयन करना है, ताकि पार्टी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ मजबूत चुनौती दी जा सके।
अमीन खान का मीटिंग बॉयकॉट: "कांग्रेस ऑफिस में होनी चाहिए, न कि किसी के घर में"
मीटिंग शहर के नेहरू नगर स्थित वीरेंद्र धाम (हॉस्टल) में आयोजित की गई, जो पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी की ओर से संचालित है। इस स्थान को लेकर ही पूर्व विधायक अमीन खान ने कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा, "कौनसी जगह हो रही है? वहां पर हम नहीं जा रहे हैं। कांग्रेस ऑफिस में मीटिंग नहीं है, ये पर्सनल अपने घर की मीटिंग है।" अमीन खान ने स्पष्ट किया कि उन्होंने पहले ही तिवारी से सर्किट हाउस में मुलाकात कर अपनी बात रख दी है। उन्होंने पर्यवेक्षक को सलाह दी कि जिला अध्यक्ष चयन के लिए अच्छी तरह सर्वे किया जाए और ईमानदार, मेहनती लोगों को पदाधिकारी बनाया जाए, जो कांग्रेस को मजबूत करने में सक्षम हों।अमीन खान की इस नाराजगी ने पार्टी के अंदरूनी कलह को और उजागर कर दिया है। सर्किट हाउस में पर्यवेक्षक तिवारी का फूल-मालाओं से स्वागत करने वालों में जिला अध्यक्ष गफूर अहमद, पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई, अमीन खान, मेवाराम जैन समेत कई नेता शामिल थे। लेकिन अमीन खान ने मीटिंग स्थल पर न जाकर अपनी असहमति दर्ज कराई, जो गुटबाजी की गहरी खाई को दर्शाता है।
मेवाराम जैन की वापसी पर विवाद: "चरित्रहीन" वाले आरोपों पर अमीन खान का जवाब
पार्टी में एक और बड़ा विवाद पूर्व विधायक मेवाराम जैन की वापसी को लेकर है। बीते दिनों निष्कासन रद्द होने के बाद जैन ने फिर से कांग्रेस का दामन थाम लिया है। लेकिन कुछ नेताओं द्वारा उन्हें "चरित्रहीन" बताने के आरोपों ने हंगामा मचा दिया है। इस पर अमीन खान ने कहा, "मेवाराम जैन को कांग्रेस में ले लिया है, ये अच्छा काम है। कुछ नेता जैन को चरित्रहीन बता रहे हैं, लेकिन दुनिया कहती रहेगी। किसी की जुबान को रोक नहीं सकते।" उन्होंने विवाद सुलझाने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि आपसी बातचीत से इसे निपटाया जाएगा और सीनियर नेताओं से चर्चा चल रही है। अमीन खान का मानना है कि आने वाले समय में गुटबाजी पूरी तरह खत्म हो जाएगी।मेवाराम जैन ने भी सर्किट हाउस में पर्यवेक्षक से मुलाकात कर अपनी राय रखी। लेकिन अमीन खान ने स्वीकार किया कि जैन को लेकर विवाद है, जिसे "आपस में निपट लेंगे"। यह बयान पार्टी के भीतर की असहजता को उजागर करता है, जहां व्यक्तिगत आरोपों ने संगठनात्मक प्रक्रिया को प्रभावित कर दिया है।
पर्यवेक्षक तिवारी का ऐलान: 6 नामों की सूची भेजेंगे, गुटबाजी खत्म करने का वादा
पर्यवेक्षक राजेश तिवारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि गुरुवार को कार्यकर्ताओं से विस्तृत चर्चा हुई और जिला अध्यक्ष चयन के लिए 6 संभावित नामों की सूची प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) को भेजी जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि चुने जाने वाला व्यक्ति ऐसा हो जो जिले के सभी वर्गों को साथ लेकर चले और भाजपा से मुकाबला करने में सक्षम हो।बाड़मेर में कांग्रेस की गुटबाजी पर तिवारी ने टिप्पणी की, "सभी कार्यकर्ताओं में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं है। कार्यकर्ताओं की रायशुमारी में ये बात सामने आई है कि पार्टी को मजबूत करने के लिए सबको साथ बिठाकर गुटबाजी को खत्म किया जाएगा।" तिवारी का यह बयान पार्टी के प्रयासों को रेखांकित करता है, लेकिन अमीन खान जैसे नेताओं की नाराजगी से साफ है कि रास्ता आसान नहीं होगा।
संगठन सर्जन अभियान: गुटबाजी की चुनौती के बीच मजबूती का प्रयास
कांग्रेस का यह अभियान प्रदेशभर में चल रहा है, जहां पर्यवेक्षक जिला स्तर पर राय ले रहे हैं। बाड़मेर जैसे संवेदनशील जिले में, जहां भाजपा का दबदबा है, गुटबाजी पार्टी के लिए बड़ा रोड़ा बनी हुई है। पूर्व विधायक अमीन खान ने सुझाव दिया कि पदाधिकारियों का चयन ईमानदारी और मेहनत के आधार पर हो, ताकि आम कार्यकर्ता जुड़ें। लेकिन मीटिंग स्थल जैसे छोटे मुद्दों पर ही विवाद उठना दर्शाता है कि संगठन में एकजुटता लाना कितना चुनौतीपूर्ण है।पार्टी सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में पीसीसी से जिला अध्यक्ष की अंतिम घोषणा हो सकती है। फिलहाल, तिवारी का दौरा गुटबाजी को कम करने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है, लेकिन अमीन खान और मेवाराम जैन जैसे नेताओं के बयानों से साफ है कि आगामी चुनावों से पहले कांग्रेस को और मशक्कत करनी पड़ेगी। बाड़मेर की राजनीति में यह घटनाक्रम नई बहस छेड़ सकता है, जहां गुटबाजी के बजाय एकता की आवाज बुलंद होनी चाहिए।