गवर्नर हरिभाऊ बागड़े ने प्रो. सुनीता मिश्रा के बयान पर कटाक्ष किया
गवर्नर हरिभाऊ बागड़े ने प्रो. सुनीता मिश्रा के औरंगज़ेब प्रशंसा बयान पर कटाक्ष किया, ऐतिहासिक मामलों पर सावधानी बरतने और शब्दों का महत्व बताया।

उदयपुर:
मोहानलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय की उप-कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा के औरंगज़ेब को ‘कुशल प्रशासक’ कहने वाले बयान पर गवर्नर हरिभाऊ बागड़े ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि औरंगज़ेब ने छत्रपति शिवाजी के पुत्र संभाजी को बेरहमी से टुकड़े-टुकड़े किया और मंदिरों का ध्वंस किया। गवर्नर ने ऐतिहासिक मामलों पर बोलते समय सावधानी बरतने की सलाह भी दी।
गवर्नर का तगड़ा बयान:
बागड़े ने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी के हाथ तोड़े गए, जीभ काटी गई और शरीर को टुकड़ों में अलग किया गया। यही उनका प्रबंधन था। राजस्थान में सर्कुलर जारी किया और मंदिरों को ध्वस्त किया। ऐसे प्रबंधन को अच्छा कैसे कहा जा सकता है? अगर आप वही बोलेंगे जो लोग पसंद करते हैं, तो जीवन भी आसान होगा।”
अकाउंटिंग सम्मेलन में दिशा-निर्देश:
गवर्नर ने डाबोक स्थित कृषि विज्ञान कॉलेज के ऑडिटोरियम में आयोजित ऑल इंडिया अकाउंटिंग कॉन्फ्रेंस और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में कहा कि कंपनी और खातों का सही तरीके से प्रबंधन करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कौटिल्य के अर्थशास्त्र का उदाहरण देते हुए बताया कि नैतिक सोच और सही आदतें देश की तरक्की में योगदान देती हैं।
बच्चों और नैतिक शिक्षा पर जोर:
बागड़े ने कहा, “बच्चों में अच्छे विचार और व्यवहार का विकास राष्ट्रहित की सोच को बढ़ाता है। सही दिशा में प्रेरित किए गए बच्चे अच्छे नागरिक, सक्षम अकाउंटेंट और योग्य सरकारी अधिकारी बन सकते हैं।”
शब्दों का महत्व:
गवर्नर ने कहा कि शब्द हमारी सबसे बड़ी पूँजी हैं। बोलते समय ध्यान रखें कि आपके शब्द सही दिशा में जाएँ और उनका प्रभाव सकारात्मक हो।
प्रो. सुनीता मिश्रा की सफाई:
विवाद बढ़ने पर प्रो. सुनीता मिश्रा ने माफी मांगी। उनका कहना था कि बयान गलत तरीके से पेश किया गया। वे हिंदी मूल भाषा नहीं बोलतीं, जिससे भाषाई भ्रम हुआ। उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं था।