विधानसभा में पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे MLA रविंद्रसिंह भाटी, हाथ में थी “खेजड़ी बचाओ” की तख्ती
पश्चिमी राजस्थान में राज्यवृक्ष खेजड़ी (Khejri Tree) पर मंडरा रहा खतरा लगातार गहराता जा रहा है। सोलर प्रोजेक्ट्स और अंधाधुंध कटाई के कारण मरुस्थल की जीवन रेखा कहे जाने वाले इस वृक्ष की संख्या तेजी से घट रही है।

जयपुर/बाड़मेर : पश्चिमी राजस्थान में राज्यवृक्ष खेजड़ी (Khejri Tree) पर मंडरा रहा खतरा लगातार गहराता जा रहा है। सोलर प्रोजेक्ट्स और अंधाधुंध कटाई के कारण मरुस्थल की जीवन रेखा कहे जाने वाले इस वृक्ष की संख्या तेजी से घट रही है। इसी मुद्दे को लेकर शिव विधायक रविंद्रसिंह भाटी आज पारंपरिक वेशभूषा में और हाथ में “खेजड़ी बचाओ” की तख्ती लेकर विधानसभा पहुंचे।
विधानसभा में उठाया खेजड़ी संरक्षण का मुद्दा
विधायक भाटी ने विधानसभा में वन मंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए कहा –
“हम चाहते हैं कि प्रदेश में विकास हो, लेकिन विकास के नाम पर विनाश नहीं होना चाहिए। खेजड़ी सिर्फ एक वृक्ष नहीं, बल्कि राजस्थान के मरुस्थल की जीवन रेखा है।”
सोलर कंपनियों पर लगाए आरोप
भाटी ने आरोप लगाया कि सरकार ने कई क्षेत्रों में सोलर कंपनियों को जमीन आवंटित कर रखी है। कंपनियां वहां खेजड़ी समेत हजारों पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रही हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार “एक पेड़ मां के नाम” जैसा अभियान चला रही है, तो फिर सदियों पुराने पेड़ों को उजाड़ने की अनुमति क्यों दी जा रही है?
पहले भी दिया था धरना
इससे पहले विधायक रविंद्रसिंह भाटी बरियाड़ा गांव में तीन दिन तक धरने पर बैठे थे। उस दौरान उन्होंने जमीन में दफनाए गए खेजड़ी के पेड़ों को खुदाई कर बाहर निकलवाया था। भाटी लगातार खेजड़ी संरक्षण को लेकर मोर्चा खोले हुए हैं और अब विधानसभा के भीतर भी यह मुद्दा प्रमुखता से उठा रहे हैं।
खेजड़ी : राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान
खेजड़ी को राजस्थान का राज्य वृक्ष घोषित किया गया है। यह न सिर्फ मरुस्थल में हरियाली बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि ग्रामीण जीवन, परंपराओं और धार्मिक मान्यताओं से भी गहराई से जुड़ा हुआ है।