राजस्थान विधायक रितु बनावत कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान चीन-नेपाल सीमा पर फंस गईं
विधायक रितु बनावत कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान चीन-नेपाल सीमा पर प्राकृतिक आपदा के कारण फंस गईं। काठमांडू में बाढ़ और भूस्खलन से तबाही मची है। भारतीय और नेपाली प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हैं।
जयपुर/भरतपुर, 11 सितंबर 2025: राजस्थान विधानसभा की निर्दलीय सदस्य डॉ. रितु बनावत, जो भरतपुर जिले के बयाना विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं, धार्मिक यात्रा के सिलसिले में कैलाश मानसरोवर दर्शन को गईं थीं। वे 3 सितंबर को अपने पति के साथ एक 98 सदस्यीय समूह के हिस्से के रूप में रवाना हुईं, जिसकी मूल योजना 11 सितंबर तक पूरी होने की थी। यात्रा सफल रही, लेकिन वापसी के दौरान नेपाल में फैले युवा-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों और हिंसक घटनाओं ने सब कुछ उलट-पुलट कर दिया।
विशेषज्ञों के अनुसार, नेपाल में 'जन जेड' आंदोलन ने राजधानी काठमांडू समेत कई क्षेत्रों में अव्यवस्था पैदा कर दी है, जिससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द हो गईं तथा सीमाएं बंद कर दी गईं। विधायक बनावत और उनका समूह अब चीन की सीमा पर स्थित पुरांग गांव में फंसे हुए हैं, जहां से नेपाल होते हुए भारत लौटना था। स्थानीय अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों से उन्हें वहीं रोक लिया है। पुरांग, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में एक छोटा सा कस्बा है, जो कैलाश पर्वत के निकट है, लेकिन ऊंचाई और सीमित सुविधाओं के कारण स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।
डॉ. बनावत ने एक वीडियो संदेश जारी कर वर्तमान हालातों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, "हमारी यात्रा शांतिपूर्ण रही, लेकिन नेपाल की अशांति ने वापसी को कठिन बना दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने फोन पर बात की तथा आश्वासन दिया कि जल्द ही सुरक्षित निकासी की व्यवस्था हो जाएगी। हम सब स्वस्थ हैं और स्थानीय सहयोग से ठीक हैं।" यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे परिवार और समर्थकों में राहत की भावना है। विधायक ने आगे जोर देकर कहा कि समूह में ज्यादातर बुजुर्ग यात्री हैं, इसलिए चिकित्सा और भोजन की व्यवस्था महत्वपूर्ण है।
राजस्थान विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने सदन में इसकी जानकारी दी और कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग कर रही है। भारतीय दूतावास, बीजिंग और काठमांडू ने संयुक्त रूप से नेपाल-चीन अधिकारियों से बातचीत शुरू की है, ताकि वैकल्पिक मार्ग या हवाई निकासी संभव हो सके। नेपाल सरकार ने भी भारतीय यात्रियों को प्राथमिकता देने का वादा किया है, लेकिन आंदोलन की तीव्रता के कारण प्रगति धीमी है। इसी तरह, बाड़मेर के एक व्यवसायी पंकज चितारा और जयपुर के चाकसू क्षेत्र के अन्य यात्री भी काठमांडू हवाई अड्डे पर अटके हैं, जहां उन्होंने बताया कि वहां बिजली-पानी की कमी और भोजन संकट व्याप्त है।
यह घटना न केवल व्यक्तिगत यात्रियों के लिए चिंताजनक है, बल्कि कैलाश मानसरोवर यात्रा की सुरक्षा पर भी सवाल उठाती है, जो 2020 के बाद पहली बार इस साल बड़े पैमाने पर शुरू हुई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और क्षेत्रीय राजनीति ऐसी बाधाओं को बढ़ा रही हैं। राजस्थान सरकार ने प्रभावित यात्रियों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं और भविष्य की धार्मिक यात्राओं के लिए सलाहकार जारी करने का फैसला लिया है। अधिकतम अपडेट के लिए विदेश मंत्रालय की वेबसाइट या राज्य हेल्पलाइन से संपर्क करें।