प्रेम विवाह पर सख्ती: राजस्थान में माता-पिता की सहमति को शादी की अनिवार्य शर्त बनाने की बीजेपी विधायक भैराराम सियोल ने उठाई मांग
राजस्थान में नाबालिग और विवाहित महिलाओं के भागकर शादी से परिवारों को आघात। भाजपा विधायक भैराराम सियोल ने माता-पिता की सहमति अनिवार्य करने की मांग की, इसे समाज की मर्यादा से जोड़ा। कानून में बदलाव की जरूरत।

जयपुर, 8 सितंबर 2025, दोपहर 2:48 बजे (IST): राजस्थान में नाबालिग लड़कियों और विवाहित महिलाओं के घर से भागकर शादी करने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जो परिवारों और समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं। इन मामलों से माता-पिता को मानसिक आघात और सामाजिक बदनामी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण कुछ मामलों में आत्महत्या जैसी घटनाएं भी सामने आई हैं।
भाजपा विधायक भैराराम सियोल ने सोमवार को विधानसभा में इस मुद्दे पर आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि बिना माता-पिता की सहमति के होने वाली शादियां पारिवारिक मूल्यों और समाज की मर्यादा को ठेस पहुंचाती हैं। उनके अनुसार, ज्यादातर ऐसी शादियां आर्य समाज मंदिरों में औपचारिकता पूरी करके की जाती हैं, जो हिंदू परंपराओं और सामाजिक संस्कारों के खिलाफ हैं।
विधायक सियोल ने जोर देकर कहा कि इन घटनाओं ने समाज में तनाव और अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया है। उन्होंने कानून में संशोधन की मांग की, ताकि माता-पिता की सहमति के बिना कोई शादी वैध न मानी जाए। उनका मानना है कि यह कदम परिवारों की इज्जत और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने में मददगार होगा।
यह मुद्दा केवल कानूनी पहलू तक सीमित नहीं है, बल्कि यह माता-पिता की भावनाओं और समाज की संवेदनाओं से भी जुड़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस पर गंभीर चर्चा और ठोस कदम उठाना आज की जरूरत है। सरकार और समाज दोनों को मिलकर इस समस्या के समाधान पर विचार करना होगा।