बाड़मेर में फिल्मी अंदाज में लूट: मेडिकल व्यापारी के घर से सोना-चांदी और नकदी उड़ाई
बाड़मेर में खिलौना पिस्टल से दहशत फैलाकर सेठ के घर से 1 करोड़ की सोना-चांदी-नकद लूट, 4 गिरफ्तार।

बाड़मेर। गत दिनों जिले के गडरा रोड में मेडिकल कारोबारी के घर हुई डकैती का पुलिस ने 5 दिनों में खुलासा कर दिया। मास्टरमाइंड समेत 4 डकैतो को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही पुलिस ने दो सहयोगियों को भी डिटेन किया है। पुलिस ने एक टीम बनाकर उनसे माल बरामदगी के लिए पूछताछ जारी है।
पूछताछ में पुलिस को पता चला कि डकैती का मास्टरमाइंड उनके वहां पूर्व में काम कर चुका सेल्समैन ही निकला। और साथ ही में आरोपी ने आसपास के मेडिकल के व्यापारियों के साथ मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया। तथा CCTV से बचने के लिए चारो आरोपियों ने रेल ट्रैक के सहारे 15 किलोमीटर पैदल चलकर गए। आसपास किसी को शक ना हो इसलिए अगले दिन प्रातः अपनी अपनी दुकान पर लौट गए।
यह घटना 3 सितम्बर की रात 2 बजे की है और 5 दिन में पुलिस ने सोमवार को इस मामले की गुथी सुलझा दी।
डकैती की पूरी कहानी कैसे एक ही रात में 1 करोड़ की डकैती को अंजाम दिया
SP नरेंद्र सिंह मीना ने बताया कि उत्तमचंद भूतड़ा (70) बाड़मेर में एक मेडिकल स्टोर चलाते हैं। 31 अगस्त को उनकी बेटी माया (30) अपने माता-पिता से मिलने आई थी। 3 सितंबर की बुधवार की रात घर में उनकी पत्नी कमला (72), बेटी माया और 10 महीने की पोती मौजूद थी। बेटा रानेश अहमदाबाद किसी काम से गया हुआ था।
इसी दौरान नकाबपोश 6 अज्ञात लोग छत के रास्ते उनके घर में प्रवेश कर गए। इस दौरान उत्तमचंद की नींद खुल गई। बदमाशों की बातचीत सुनकर घर के अन्य सदस्य भी जाग उठे। यह देख अपराधियों ने उत्तमचंद के मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और उनके हाथ-पैर बंध दिए। उनकी पत्नी और बेटी के भी हाथ-पैर बंधकर मुंह पर टेप चिपका दिया। धमकी दी गई कि यदि शोर मचाया तो उनकी 10 महीने की पोती को मार डाला जाएगा। इसके बाद लगभग 35 तोला सोना, 40 किलो चांदी तथा 5 लाख रुपए नकद लेकर वे वहां से फरार हो गए।
चारो आरोपी सेल्समैन
SP नरेंद्र मीना ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए एक विशेष इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई गई थी। टीम ने घटनास्थल के आस-पास 100 से ज्यादा CCTV फुटेज चेक किए और बाड़मेर-जैसलमेर व जालोर की ओर जाने वाले रास्तों के कैमरे भी देखे। साथ ही मोबाइल टावर की जानकारी भी जुटाई, जिससे आरोपियों तक पहुँचा जा सका।
पुलिस से पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि चारों लोग मेडिकल शॉप में काम करते थे। डकैती के मास्टरमाइंड ने बताया कि वह पहले कारोबारी उत्तमचंद के मेडिकल स्टोर पर काम करता था, लेकिन 4 महीने पहले नौकरी छोड़ दी थी। फिर पिछले एक महीने से वह बाकी तीन साथियों के साथ मिलकर लूट की योजना बना रहा था।
मुख्य आरोपी ने की थी रैकी
मास्टरमाइंड को यह भी इल्म था कि उत्तमचंद का बेटा अक्सर काम के सिलसिले से बाहर जाता रहता है। वह इसी फिराक में था कि जैसे ही रानेश बाहर जाएगा वही इस डकैती को अंजाम देंगे। वारदात की रात ही चारों आरोपी अपने अपने साधनों से गडरा रोड पहुंचे और पड़ोसी के छत से होकर उत्तमचंद के घर में घुसे।
सीसीटीवी से बचने के लिए पैदल चले 15 किलोमीटर
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि घर से लुटपाट करने के बाद उन्हें डर था कि कही सीसीटीवी में कैद ना हो जाये इसके चलते वो रेल ट्रैक के सहारे गगरिया जो कि 15 किलोमीटर है वहाँ तक पैदल पहुंचे उसके बाद सब अलग जगह चले गए।
शक से बचने के लिए दूसरे दिन लौट दुकान पर
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि रात भर नींद नही लेने के बावजूद सुबह जल्दी अपनी अपनी दुकान पर लौट गए ताकि किसी को उन पर शक ना हो। साथ ही माल बरामदगी के किये पुलिस के प्रयास जारी है तथा दो अन्य जिन्होंने इनका साथ दिया उन्हें भी डिटेन किया गया है।
पुलिस ने ऐसे पकड़ा आरोपियों को
पुलिस ने डॉग स्क्वाड का सहारा लेकर जब वारदात वाली जगह पर पहुंचे तो डॉग्स बार बार घर के पीछे स्थित दुकान की तरफ जा रहे थे तो पुलिस को अंदेशा हो गया कि लूट करने वाले आसपास के ही है। जिस घर के पास डॉग गया उनसे पूछताछ में पता चला और उसके बाद उसने तीन और आरोपियों का नाम भी बता दिया। तथा वारदात के समय करीब रात को सभी एक्टिव फोन्स का भी पुलिस ने रिकॉर्ड चेक किये। उसमे एक नंबर मास्टरमाइंड का भी शामिल था। इन्ही सब कड़ियों को जोड़ते हुए पुलिस ने 5 दिन में इस वारदात की तह तक पहुंच गई।